कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 21 मई 2015

बुरा तू भी नही, मैं भी नही

ये चन्द पंक्तियाॅ जिसने भी लिखी है खुब लिखी है:-

  गलतियों से जुदा
तू भी नही, मैं भी नही।
    दोनो इंसान है
खुदा तू भी नही, मैं भी नही।।

तू मुझे ओर मैं तुझे
इल्जाम देते है मगर....।
अपने अन्दर झाॅकता
तू भी नही, मैं भी नही......।।

गलत फहमियों ने कर दी पैदा दूरियाॅ ।
वरना बुरा तू भी नही, मैं भी नही ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें