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रविवार, 17 सितंबर 2017

जख्म

जख्म


लोग शोर से जाग जाते हैं साहब, मुझे एक इंसान की ख़ामोशी सोने नही देती !!!


झूठी हँसी से ...जख्म और बढ़ता गया..


इससे बेहतर था ...खुलकर रो लिए होते..


कितना मुश्किल हैं जीना...!!!


जिसके लिये जीना... उसके बिना जीना.


आँसू मेरे देखकर तू परेशान क्यों है ऐ जिंदगी ,


ये वो अल्फाज हैं जो जुबान तक आ न सके ..!!


[रह गयी है कुछ 'कमी' तो, शिकायत क्या है ,


इस जहाँ में सब 'अधूरा ' है ,मुकम्मल क्या है


रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने


पर इश्क मे पागल थे आंसू खुदखुशी करते रहे…


बड़े याद आते हैं वो भूले बिसरे दिन,


कुछ तेरे साथ......कुछ तेरे बिन...!


ये जीवन है...साहेब..


  *उलझेंगे नहीं,


  *तो सुलझेंगे कैसे...


  *और बिखरेंगे नहीं,


  *तो निखरेंगे कैसे....


खुद को औरों की तवज्जो का तमाशा न करो,


आइना देख लो अहबाब से पूछा न करो,


शेर अच्छे भी कहो, सच भी कहो, कम भी कहो,


दर्द की दौलत-ए-नायाब को रुसवा न करो।

 

शनिवार, 19 अगस्त 2017

शराब

शराब


ये वहम है तेरा कि 
मुझे बेहोश करती है शराब...
होश था ही कब मुझे ,
 तुझसे इश्क़ होने के बाद !!!

शनिवार, 12 अगस्त 2017

तकदीर

तकदीर



ऐ तकदीर,,,,


ला तेरे हाथों की उँगलियाँ दबा दूँ मैं,

थक गई होगी मुझे नचाते नचाते !!

Lovely lines from Ghalib: फ़ना

Lovely lines from Ghalib...

ख़ुदा की मोहब्बत को फ़ना कौन करेगा?
خُدا کی مہبت کو فنا کون کریگا؟
सभी बन्दे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा?
سبھی بندے نئک ہوں تو گناہ کون کریگا؟
ऐ ख़ुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना
اے خُدا میرے دوستوں کو سلامت رکھنا
वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा
ورنہ میری سلامتی کی دُعا کون کریگا
और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज़
اور رکھنا میرے دُشمنوں کو بہی مہفوذ
वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा...!!!
ورنہ میری تیرے پاس آنے کی دُعا کون
   کریگا۔۔۔۔!!!