सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद से
लोगो को हैरान अभी बाकी है
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
कुल पेज दृश्य
गुरुवार, 25 जून 2015
सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है
मौसम की तरह वो बदल गए
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की
मौसम की तरह वो बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया!!
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽हर बात समझाने के लिए नहीं होती,
ज़िन्दगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती ,
याद अक्सर आती है आपकी ,
पर हर याद जताने के लिए नहीं होती...............
㊗मन की कुछ दिलो में नफरत होती है,
पर हर दिल में कोई हसरत होती है,
इंसान उस के आगे क्यों मजबूर हो जाता है,
जिस से उसे बेपनाह महोब्बत होती है............
इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
उजालो मे अंधेरों की परछाई है,
क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
शायद याद उनकी चुपके से चली आई है..........
लोग आते हैं लोग जाते हैं
प्यार देते है प्यार ले जाते हैं
कभी अकेले बैठकर सोचना,
जो सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं
वोही सबसे ज़्यादा दर्द दे जाते हैं.............
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले मे उसने मुझे खामोशी दे दी.
खुदा से दुआ माँगी मरने की,
लेकिन उसने भी तड़पने के लिए ज़िंदगी दे दी...........
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको............
हमारी खामोशी हमारी आहट है,
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं,
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है,
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है..........
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,...........
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं...........
ऑंसुओ के गिरने की आहट नही होती.
दिलके टूटने की आवाज नही होती.
अगर होता खुदा को एहसास दर्द का.
तो ऊसे दर्द देने की आदत नही होती.....
यही तो प्यार है..
कोई साथ दे या ना दे ,
चलना मुझे आता है ,
हर आग से वाकिफ हूँ ,
जलना मुझे आता है …!!
'मैने कहाः- वो अजनबी है..
दिल ने कहाः- वो दिल्लगी है..
मैने कहाः- वो सपना है..
दिल ने कहाः- फिर भी वो अपना है..
मैने कहाः- वो सिर्फ ईंतजार है..
दिल ने कहाः- यही तो प्यार है..'
"वक्त के पन्ने पलटकर,
फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है,
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर,
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है."
मंगलवार, 23 जून 2015
सपनो को पंख लगे है
सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद से
लोगो को हैरान अभी बाकी है
बाज़ार-ए-वफ़ा
नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!
सोमवार, 22 जून 2015
पेड बूढा ही सही
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
लौट आता हूँ
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ,
हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की
जीने के लिए काम करता हूँ
या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार
पूछा गया सवाल -
“बङे हो कर क्या बनना है ?”
जवाब अब मिला है, – “फिर से
बच्चा बनना है.
रविवार, 21 जून 2015
सुबह की धूप
हर सुबह की धूप कुछ याद करती है,
हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है,
जिन्दगी कितनी भी खुबसूरत क्यों ना हो, लेकिन सुबह सुबह अपनों की याद ही आती है.
कोन किसका रकीब (enemy) होता है
कोन किसका रकीब (enemy) होता है,
कोन किसका हबीब (friend) होता है
बन जाते रिश्ते -नाते जहा
जिसका नसीब होता है..............।
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो..!.........।
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने…………...।
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर..........।
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर..........।
घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली
सारी गली उनके पीछे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से……….
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली……….। वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना
वो नादान है यारो अपना हाथ जला लेगी.........।
तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई………।
वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है............।
जिंदगी हे सफर का सील सिला,
कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया,
जिन्हे माँगा था दिन रात दुआओ मे,
वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.........।
माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही
पर ये सच ह के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही.........।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा इमां है
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िन्दगी
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है. ...my allll sweet dear friendsss good morning have a happy Sunday.... happy YOG day...
जूते खो गये
अर्ज़ किया है -
महफ़िल में हमारे जूते खो
गये तो हम घर कैसे जायेंगे ?
महफ़िल में हमारे जूते खो
गये तो हम घर कैसे जायेंगे ?
किसी ने कहा-"आप शायरी तो
शुरू कीजिए
इतने मिलेंगे कि आप गिन नहीं पायेंगे ".
शनिवार, 20 जून 2015
Poem on international yoga day
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस दिनांक-21 जून, 2015
1. योग दिवस में भाग लीजिए - भ्रम-कुयोग सब दूर कीजिए॥
2. योगी बनें-विवेक जगायें - भेद मिटायें-प्रेम बढ़ायें॥
3. योगी बनें-कुयोग मिटायें - स्वस्थ, समुन्नत राष्ट्र बनायें॥
4. योग दिवस की यही पुकार - सबकी सेवा-सबसे प्यार॥
5. योग हेतु छेड़ो अभियान - इससे होगा जनकल्याण॥
6. योग दिवस सब लोग मनायें - श्रेष्ठ बनें और श्रेष्ठ बनायें॥
7. सच्चा योगी उसको मानें - जो सबको अपना प्रिय मानें॥
8. योग करेगा यह जग सारा - विश्व बनेगा स्वर्ग सा प्यारा॥
9. योग प्यार-सहकार जगाये - समता का आधार बढ़ाये॥
10. घर-घर में हो योग सबके - खुशहाल बनें हर एक तबके॥
11. योग विश्व परिवार बनाये - प्रेम और सहकार जगाये॥
12. योग से अपना तेज बढ़ायें - मन में नव-उल्लास जगायें॥
13. नव युग का आधार है योग - उज्जवल भविष्य शुभ संयोग॥
14. योग का अनुशासन अपनायें - इस धरती को स्वर्ग बनायें॥
15. योग का नित्य अभ्यास हो - अन्तर् उत्कर्ष की प्यास हो॥
16. संस्कृति का सार है योग - संस्कारों का आधार है योग॥
17. योग से उत्तम स्वास्थ्य बनायें - मन से स्वच्छ सभी हो जायें॥
18. योग से हो सबका उत्थान - जन-जन जागे,बने महान्॥
19. योगी बन सब रोग मिटायें - स्वस्थ, समुन्नत जीवन पायें॥
20. मेरा भारत बने महान् - जन-गण-मन का हो उत्थान॥
21. योग से शुभ सद्ज्ञान जगेगा - भारत का सम्मान बढ़ेगा॥
22. योग से खुशहाली बढ़ेगी - हरियाली से धरती भरेगी॥
23. योग से नया युग सजेगा - तेजस्वी हर मानव बनेगा॥
24. गाँव-गाँव में होगा योग - स्वस्थ बनें सब भागे रोग॥
25. तनाव से मिले छुटकारा - केवल एक योगसहारा॥
26. योग का अनुशासन अपनाओ - स्वस्थ, समुन्नत जीवन पाओ॥
27. ऋषि संस्कृति की शान है योग - नवयुगका उत्थान है योग॥
28. भारत की पहचान है योग - नया विश्व निर्माण है योग॥
29. आओ सब मिल योग करें - जीवन का सदुपयोग करें॥
30. योग बहाये सद्भाव की धारा - बँधे प्यार से यह जग सारा॥योग की जय हो, कुयोग का नाश हो।प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो॥भारत माता की जय॥
Hamari adhoori kahani..
बेहतरीन कविता
तू जिंदगी को जी, उसे समझने की कोशिश
न कर
सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन,उसमे उलझने
की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमे सिमटने
की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे,
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे, सब कुछ खुद
सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून
छीन ले वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंजिल
पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर....
शुक्रवार, 19 जून 2015
Shayarana hai dil
Tu lakh bhula k dekh mujhe me fir bhi yaad aaunga...
Tu pani pe pe k thak jayegi...
Me hichkiyaa ban ban k sataunga...
Kiyu bhatakte ho sareraah, barish ka lutf lene ko...
Kabhi meri aankho me thahar k dekho, ye beinteha barsti hai...
Wo tera ek wada k hum kabhi juda nahi hongey...
Wo qissa hum apne dil ko suna k...
Aksar muskuratey hai...
Roj-Roj girkar bhi mukkamal khada hu...
Ae mushkilo... dekho me tumse kitna bada hu...
Maar do jaan se beshaq pr aise saza na do...
Ki baitho tum hamare samney kisi ajnabi ki tarah...
Aahishta Aahishta kijiye qatl mere Armano ka...
Kahi sapno se logo ka Aetbaar na uth jaye...
Me thak sa gaya hu khud ko sabit kartey kartey...
Mere tarikey galat ho saktey hai pr meri mohabbat nahi...
Na khushi ki talash hai na game'n nizaat ki aarzoo...
Me khud se naraz hu teri berukhi k baad...
hamari ho...
Aap khud nahi jantey aap kitney pyaare ho...
Jaan ho hamari pr jaan se pyaare ho...
Duriyon k hone se koi fark nahi padta..
Aap kal bhi hamari thi or Aaj bhi hamari ho...
दिल करता है सुधर जाऊँ
Monsoon special
आसमान पे काली घटा छाई है....
आज फिर घरवाली ने दो बात सुनाई है....
दिल करता है सुधर जाऊँ, मगर...
बाजूवाली आज फिर भीग कर आई है ...
....
yo yo
गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!
बेरंग हैं पानी फिर भी.. जिन्दगी कहलाता हैं,
ढेर सारे रंग हैं शराब के.. फिर भी गन्दगी कहलाती हैं,
लोग भी कमाल करते हैं.. जिन्दगी के गम भुलाने के लिये,
गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!....
गुरुवार, 18 जून 2015
किसी ने मेरी नींद लूटी
किसी ने मेरी नींद लूटी
तो किसी ने मेरा चैन लूट लिया
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नींद मिले तो आप रख लेना
पर चैन मिले तो प्लीज मुझे दे देना .........
2 तोले की है यार...
मौत पर मै कैसे लिखु कविता
मौत पर मै कैसे लिखु कविता ,
मरने का नाम ही मौत होता,
या जीवन का अंत ही मौत होता।
तो मै बहाता अपने भावो की सरिता।
मौत पर मै कैसे लिखु कविता।।
मौत ही हमे जीने की राह बताती है।
मौत मिथ्यासंसार का भान कराती है।
मौत से अहसास पराए अपने का,
मौत मानवता का पाठ सीखाती है।।
न मरने का नाम मौत है।
न जीवन का अंत मौत है।।
मै बहा दु कैसे भावो की सरिता।
मै मौत पर कैसे लिखु कविता।।
उस पेड का भी क्या पेड होना,
जिस पर न फूल, न फल ,न छॉव है।
उन मां बाप का भी क्या जीना,
जिनके बेटो ने दिए उन्हे घाव है।।
नदी जो बारीश मे करे कलकल,
बाकी सदा ही मौन रहती है।
जीने की आशा मे हर पल वो,
मौत और बस मौत सहती है।।
नही मै नही लिख सकता,
जीवन के आदर्श ,मौत पर कविता।
मै बहा दू कैसे भावो की सरिता।
मै मौत पर कैसे लिखु कविता।
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा....
सपने मे अपनी मौत को करीब से देखा....
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा.....
खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में...
कुछ थे परेशान कुछ उदास थे .....
पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे..
दूर खड़ा देख रहा था मैं ये सारा मंजर.....
.....तभी किसी ने हाथ बढा कर मेरा हाथ थाम लिया ....
और जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था.....
हाथ थामने वाला कोई और नही...मेरा श्याम था...
चेहरे पर मुस्कान और नंगे पाँव था....
जब देखा मैंने उस की तरफ जिज्ञासा भरी नज़रों से.....
तो हँस कर बोला.... "तूने हर दिन दो घडी जपा मेरा नाम था.....
आज प्यारे उसका क़र्ज़ चुकाने आया हूँ...।"
रो दिया मै..अपनी बेवक़ूफ़ियो पर तब ये सोच कर .....
जिसको दो घडी जपा
वो बचाने आये है...
और जिन मे हर घडी रमा रहा
वो शमशान पहुचाने आये है....तभी खुली आँख मेरी बिस्तर पर विराजमान था.....
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था....