तन्हाई बेहतर है.
तन्हाई बेहतर है.
*तन्हाई बेहतर है...*
*मतलबी लोगों से*
*कदर होती है इंसान*
*की जरुरत पड़ने पर ही.*
*बिना जरुरत के तो*
*हीरे भी तिजोरी में रहते है*
लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया..
ये ग़म भी था कोई डाकिया ज़िद्दी सा।
मेरी दर्द की
एक दुकान है
जो सिर्फ अपनों की
मेहरबानी से चलती है
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