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शुक्रवार, 27 जून 2025

कभी खुद से भी मिला कीजिये

न चादर बडी कीजिये ,
न ख्वाहीश दफन कीजिये |
 चार दिन की जिंदगी है,
 बस चैन से बसर कीजिये |
 न परेशान किसीको कीजिये ,
 न हैरान किसीको कीजिये |
 कोई लाख गलत भी बोले,
 बस मुस्कुरा कर छोड दिजीये |
 न रूठा किसी से कीजिये,
 न झूठा वादा किसी से कीजिये |
 कुछ फुरसत के पल निकालिये ,
कभी खुद से भी मिला कीजिये |

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