मंजिल ना मिले
मंजिल ना मिले वंहा तक
हिम्मत मत हारो और ना ही ठहरो...
क्यों की पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने
आज तक रास्ते में किसीको नहीं पूछा के
भाई समन्दर कितना दूर है?
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
मंजिल ना मिले वंहा तक
हिम्मत मत हारो और ना ही ठहरो...
क्यों की पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने
आज तक रास्ते में किसीको नहीं पूछा के
भाई समन्दर कितना दूर है?
तजुर्बे ने हमको खामोश रहना सिखाया
क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता...
“ कुत्ते भोंकते है अपने जिंदा होने का एहसास दिलाने के लिए,
मगऱ..
जंगल का सन्नाटा शेर की मौजूदगी बंयाँ करता है ”