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बुधवार, 11 मार्च 2015

औकात

मै सूरज के साथ रहकर भी भूला नही अदब,
लोग जुगनू का साथ पाकर... मगरूर हो गये.

खुद मे काबिलीयत हो तो...भरोसा कीजिये,
सहारे कितने भी अच्छे हों...साथ छोड़ जाते हैं.

सच की हालत किसी तवायफ सी है,
तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही.

आदमी ही आदमी का रास्ता काट रहा है,
बिल्लियां तो बेचारी बेरोजगार बैठी हैं.

मुद्दतों बाद किसी ने पूछा- कहां रहते हो,
मैने मुस्करा कर कहा- अपनी औकात मे.

मुझमे रूह बन बसता है

मुझमे रूह बन बसता है मेरा सनम.
ऐसे ही नही धड़कने धड़कती मेरी...!............।                                

मेरी ही नही सुनता ये दिल.
तेरी तो बातें बहुत करता है.................।

उस ने तो मुझे इस कदर ब्लाक कर रखा हे जेसे की कही में उसका स्टेटस चोरी न कर लू.............।

❤मिले तो हज़ारो लोग थे जिंदगी मे.पर वो सबसे अलग  थी जो किस्मत मे नही थी................।❤

हमेशा के लिए अपने पास रख लो ना मुझे,
कोई पूछे तो कह देना.किरायेदार है दिल की.................।

आज भी एक सवाल छिपा है दिल के किसी कोने में,
क्या कमी रह गई थी तेरा होने में..................।

क्यू करती है तेरी नजरे वो गुनाह,
कि देखती रहती है मुझे बेपनाह.!!............।

मेने जिन्दगी से कुछ नही माँगा "तेरे सीवा",
और मुझे जिन्दगी ने सब कुछ दिया "तेरे सीवा................।

सिर्फ बिछड़ जाने से ही तो रिश्ता खतम नहीं होता
प्यार वो कुँआ है जिसका पानी कभी कम नहीं होता..................।

कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा,खुद
पहचान लेगा ज़माना तुझे, तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा.............।

मेरे हालात पें हसने वाले. बस इतना याद रखना, लोगों का वक्त आता हैं.. मेरा पुरा दौर आयेगा...!..........।     
                           
मुद्ददत्तों बाद जब उसने देखी जो मेरी खुश्क आँखें !
ये कह के रुला गई के लगता है अब तुम संभल चुके हो...............।

देखी जो नफ्ज़ मेरी तो हंस कर बोला तबीब
जा दीदार कर उस का जो तेरे हर मर्ज़ की दवा हे....

फूलों का क़त्ल कर आए हम

लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.

“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!

हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।

मंगलवार, 10 मार्च 2015

रस्म-ए-वफ़ा

ए खुदा माना हर इन्सान कि ज़िन्दगी कि किताब आपने लिखी है।
पर कुछ पन्नो पर तो ये लिख देते...................।    

धोखा खाना तो मोहब्बत वालो की एक
रस्म-ए-वफ़ा है,
फूल अगर खुशी के लिए होता,, तो लोग
जनाज़े पर नही डालते.................।

किसी से भूल कर भी अपने दिल की बात मत
कहना,
यहाँ ख़त भी जरा-सी देर में अखबार होता है...............।                                 

नींद नहीं आती
अपने गुनाहों के डर से
अल्लाह"
फिर सुकून से सो
जाता हु ये सोच कर
तेरा एक नाम "रहीम"
भी है..................।

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के
मेरी छत पे टहलते क्यों हैं.................।

लोग पूछते हैं..कौन है वो जो तेरी ये हालत कर गयी
मैं मुस्कुरा के कहता हूँ..उसका नाम हर किसी के लब पे अच्छा नहीं लगता..............।

इस जीवन की चादर में,सांसों के ताने बाने हैं।दुख की थोड़ी सी सलवट है,सुख के कुछ फूल सुहाने हैं।क्यों सोचे आगे क्या होगा,अब कल के कौन ठिकाने हैं।ऊपर बैठा वो बाजीगर ,जाने क्या मन में ठाने है।चाहे जितना भी जतन करे,भरने का दामन तारों से।झोली में वो ही आएँगे,जो तेरे नाम के दाने है।..................।

कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा,खुद
पहचान लेगा ज़माना तुझे, तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा

मांगू "खुदा" से.....

बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी...........।

सुना है सब कुछ मिल जाता है
"दुआ" से.
मिलते हो खुद "या"..
मांगू "खुदा" से.......!!...........।

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती
खुद को भूलना पड़ता है किसी को अपना बनाने के लिए..................। 

जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी,
पर तुम्हे जितने के लिए हम
हारते चले गये…............।

मेरी ज़रूरत और ख्वाइश दोनों तुम ही हो
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई तो कोई एक तो पूरी होगी................।

अगर रुक जाये मेरी  धड़कन तो इसे मेरी मौत ना समजना,
अक्सर ऐसा होता हे तुम्हे याद करते करते..............।

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो दिल
बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास
तो नहीं...............।

एक खूबसूरत लडकी बस स्टैंड पर खडी थी | एक नौजवान बोला- चांद तो रात में निकलता हैं , आज दिन में कैसे निकल आया ? लडकी बोली अरे उल्लू तो रात को बोलता था आज दिन में कैसे बोल रहा हैं................।

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद
तो नहीं लेकिन,,
पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता...........।

आग लगी थी. . मेरे घर को.किसी सच्चे दोस्त ने पूछा -:
"क्या बचा है.
मैने कहा
"मैं बच गया हूँ.
उसने गले लगाकर कहा -:
"फिर जला ही क्या हे.....

नहीं मांगता शजर-ए- अमीरी

नहीं मांगता शजर-ए-
अमीरी या खुदा,
मिलती रहे सबको रोटी ,ये दुआ मांगता हूँ!
गैरों की खुशहाली से न हो जलन,
दिल में बस सब्र -ए- अरमां मांगता हूँ !!
निकले न लब से बद्दुआ किसी के खातिर,
इरादे नेक और मुकम्मल इमान मांगता हूँ !!
उजड़े न चैन - ओ- अमन किसी का और,
तेरे ख्वाबों का खुशनुमा जहाँ मांगता हूँ !!
बँट गयी है दुनिया मजहबों में बहोत,
ऐ खुदा इंसानियत का एक कारवां मांगता हूँ !!
नहीं होते इंसान बुरे , हालात बना देते हैं,
ऐसे बुरे हालातों का न होना मांगता हूँ !!

रविवार, 8 मार्च 2015

अक्स झलकता

फ़ोन यूँ चार्जिंग पर लगाकर इस्तेमाल न किया करो ग़ालिब,

अक्स झलकता है तुममें खूँटे से बँधे हुए बैल का....

मुझे यकीं है


❤प्यार किया तो उनकी मोहब्बत नज़र आई,
दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई,
दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई,
दिल तो उनका धड़का पर आवाज़ इस दिल की आई.................।

कोहराम मचा रखा है ये
जनवरी की सर्द हवाओ ने.
और एक
उनका दिल का मौसम है,
जो बदलने का नाम
ही नही लेता....!!.............।

जहर मरने के लिए थोडा सा.
लेकिन जिंदा रहने के लिए ..
बहुतसारा पीना पड़ता है.................।

ज़िन्दगी तो हमारी भी शानदार थी,
मगर मोहब्बत ने बीच में शरारत कर दी.............।
काश तुझ पर भी लागु होता RTI

जिन्दगी
बहुत से जवाब चाहिये.मुझे.................।

उनकी' गलियों में 'सफाई अभियान' जरा ध्यान से चलाना यारों
शायद बिखरे सपनों के मलबे के साथ मेरे दिल के टुकड़े भी मिले.............।

रहो सब के दिल में ऐसे कि
जो भी मिले तुम्हें अपना समझे,
बनाओ सबसे रिश्ता ऐसा कि
जो भी मिले फिर से मिलने को तरसे,
दोस्त तो मिल जायेगें लाखों
इस दुनिया में मगर,
निभाओ दोस्ती ऐसी कि लोग तुम्हें
दोस्त नहीं अपना मुकद्दर समझें...................।

मुझे यकीं है अपने लफ्जो के हुनर पर,कि वो  चेहरा भूला सकती है पर बाते नही....

जय नारी

माँ है वो, बेटी है वो, बहन है वो तो कभी पत्नी है वो;
जीवन के हर सुख दुःख में शामिल है वो;
शक्ति है वो, प्रेरणा है वो!
नमन है उन सब नारियों को जीवन के हर मोड़ पे हमारा साथ देती हैं।

शुक्रवार, 6 मार्च 2015

दूरियाँ दिल की मिटें

"दूरियाँ दिल की मिटें,
हर कहीं अनुराग हो।

न द्वेष हो, न राग हो,
ऐसा यहाँ पर फाग हो।।"

गुरुवार, 5 मार्च 2015

जवानी  एक  ड्रीम  था...

जब  बचपन  था,  तो  जवानी  एक  ड्रीम  था...
जब  जवान  हुए,  तो  बचपन  एक  ज़माना  था... !!

जब  घर  में  रहते  थे,  आज़ादी  अच्छी  लगती  थी...

आज  आज़ादी  है,  फिर  भी  घर  जाने  की   जल्दी  रहती  है... !!

कभी  होटल  में  जाना  पिज़्ज़ा,  बर्गर  खाना  पसंद  था...

आज  घर  पर  आना  और  माँ  के  हाथ  का  खाना  पसंद  है... !!!

स्कूल  में  जिनके  साथ  ज़गड़ते  थे,  आज  उनको  ही  इंटरनेट  पे  तलाशते  है... !!

ख़ुशी  किसमे  होतीं है,  ये  पता  अब  चला  है...
बचपन  क्या  था,  इसका  एहसास  अब  हुआ  है...

काश  बदल  सकते  हम  ज़िंदगी  के  कुछ  साल..

.काश  जी  सकते  हम,  ज़िंदगी  फिर  एक  बार...!!

जब हम अपने शर्ट में हाथ छुपाते थे
और लोगों से कहते फिरते थे देखो मैंने
अपने हाथ जादू से हाथ गायब कर दिए
|

✏जब हमारे पास चार रंगों से लिखने
वाली एक पेन हुआ करती थी और हम
सभी के बटन को एक साथ दबाने
की कोशिश किया करते थे |❤

जब हम दरवाज़े के पीछे छुपते थे
ताकि अगर कोई आये तो उसे डरा सके..

जब आँख बंद कर सोने का नाटक करते
थे ताकि कोई हमें गोद में उठा के बिस्तर तक पहुचा दे |

सोचा करते थे की ये चाँद
हमारी साइकिल के पीछे पीछे
क्यों चल रहा हैं |

On/Off वाले स्विच को बीच में
अटकाने की कोशिश किया करते थे |

फल के बीज को इस डर से नहीं खाते
थे की कहीं हमारे पेट में पेड़ न उग जाए |

बर्थडे सिर्फ इसलिए मनाते थे
ताकि ढेर सारे गिफ्ट मिले |

फ्रिज को धीरे से बंद करके ये जानने
की कोशिश करते थे की इसकी लाइट
कब बंद होती हैं |

  सच , बचपन में सोचते हम बड़े
क्यों नहीं हो रहे ?

और अब सोचते हम बड़े क्यों हो गए ?⚡⚡

ये दौलत भी ले लो..ये शोहरत भी ले लो

भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...

मगर मुझको लौटा दो बचपन
का सावन ....☔

वो कागज़
की कश्ती वो बारिश का पानी..
..............
एक बात बोलू इंकार मत करना आपको आप जिसे चाहते हे उनकी कसम हे।

ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया

कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया
इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया

अफवाह थी की मेरी तबियत ख़राब हैं
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया

रातों को चांदनी के भरोसें ना छोड़ना
सूरज ने जुगनुओं को ख़बरदार कर दिया

रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ
तुमने ज़रा सी बात को अखबार कर दिया

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया

बोल था सच तो ज़हर पिलाया गया मुझे
अच्छाइयों ने मुझे गुनहगार कर दिया

दो गज सही ये मेरी मिलकियत तो हैं
ऐ मौत तूने मुझे ज़मीदार कर दिया

ICU में होश आया

बैठ कर मेहबूबा कि बाहो में ऐसा जोश आया

वाह वाह!
वाह वाह!

बैठ कर मेहबूबा कि बाहो में ऐसा जोश आया
फिर…
फिर क्या हुआ?

बीबी ने देख लिया और ICU में होश आया!

valentine 'pati' ke saath

Arz kiya jai.....gaurr farrmaiye:

Lamha-lamha waqt guzar jayega,
Kuch hii dino mein 'Valentine Day'  aa jayega,
Abhi bhi tym hai kisi se 'affair' kar lo,
Varna yeh valentine bhi 'pati' ke saath hii guzar jayega !!!!!

Dedicated to all female friends

जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया

प्रत्येक लाइन गहराई से पढ़े-

✅ गरीब दूर तक चलता है.....
खाना खाने के लिए......।
✅ अमीर मीलों चलता है.....
खाना पचाने के लिए......।
✅ किसी के पास खाने के लिए.....
एक वक्त की रोटी नहीं है.....
✅ किसी के पास खाने के लिए.....
वक्त नहीं है.....।
✅ कोई लाचार है....
इसलिए बीमार है....।
✅ कोई बीमार है....
इसलिए लाचार है....।
✅ कोई अपनों के लिए....
रोटी छोड़ देता है...।
✅ कोई रोटी के लिए.....
अपनों को छोड़ देते है....।
✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है।
कभी वक्त मिले तो सोचना....
✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर
रोते थे....
आज दिल टूट जाने पर भी
संभल जाते है।
✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे...
आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था....
आज एक बार लड़ते है,
तो रिश्ते खो जाते है।
✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ
सीखा दिया,
जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।

जिँदगी का "RINGTONE"

जिंदगी बहुत कम है,
प्यार से जियो
रोज सिर्फ इतना करो -

गम को        "Delete"

खुशी को       "Save"

रिश्तोँ को      "Recharge"

दोस्ती को      "Download"

दुश्मनी को      "Erase"

सच को         "Broadcast"

झूठ को         "Switch Off"

टेँशन को     "Not   Reachable"

प्यार को        "Incoming"

नफरत को       "Outgoing"

हँसी को          "Inbox"

आंसुओँ को       "Outbox"

गुस्से को          "Hold"

मुस्कान को        "Send"

हेल्प को              "OK"

दिल को करो      "Vibrate"

फिर देखो जिँदगी का
"RINGTONE" कितना प्यारा बजता है!

ज़िंदगी में दो बातें हमेशा याद रखना

उसने मेरा दिल तोड़ दिया और मैंने उसका...
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iPhone 6,
अब खुद ही हिसाब लगा लो कौन ज्यादा रोया होगा

उसको आना होगा तो अपने आप ही चली आएगी,
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यूँ घंटों टॉयलेट में बैठ कर, जोर लगाना फ़ज़ूल है।

ज़िंदगी में दो बातें हमेशा याद रखना,
हवा चलती है तो पत्ते हिलते हैं और...
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नहीं चलती तो नहीं हिलते।

आजकल प्यार में दिल कम,
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सिम ज्यादा टूटते हैं।

किताबें सबसे अच्छी दोस्त होती हैं,
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भगवान जाने किसकी।

हर आहट पर जान निकल जाती है;
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ये पब्लिक टॉयलेट के दरवाज़े की कुण्डी क्यों नहीं होती।

शरीफ थे इतने कि कभी कमीज के बटन तक नहीं खोले,
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मगर ये बिजली बोर्ड वालों ने तो 'सनी लियोन' बना दिया।

इतना टूट के न चाहो उसे मोहब्बत की शुरुआत में...
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क्या पता उसकी बहन ज्यादा खूबसूरत हो।

तुम पर बीतेगी तो तुम जानोगे कि...
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कोई दावत पर बुलाकर 'टिण्डे' की सब्ज़ी खिलाये तो कैसा लगता है।

हसरत ए दीदार के लिये उसकी गली में मोबाईल की दुकान खोली;
मत पूछो अब हालात ए बेबसी, ऐ गालिब;
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रोज़ एक नया शख्स उनके नम्बर पे रीचार्ज़ करवानें आता है।

एक लड़की ने मुझसे पूछा क्या आप WhatsApp चलाते हो?
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मैंने कहा नही ड्राइवर रखा हुआ है।

नए वर्ष में नई पहल हो

नए वर्ष में नई पहल हो।
कठिन ज़िंदगी और सरल हो।।
अनसुलझी जो रही पहेली।
अब शायद उसका भी हल हो।।
जो चलता है वक्त देखकर।
आगे जाकर वही सफल हो।।
नए वर्ष का उगता सूरज।
सबके लिए सुनहरा पल हो।।
समय हमारा साथ सदा दे।
कुछ ऐसी आगे हलचल हो।।
सुख के चौक पुरें हर द्वारे।
सुखमय आँगन का हर पल हो।।

सरदारजी का स्टेशन

सरदार टी टी से :
मुझे सुबह 4 बजे लुधियाना में उठा देना । अगर में ना जागू तो ज़बरदस्ती उतार देना..

सुबह 8 बजे सरदार जागा तो लुधियाना निकल चूका था और ट्रेन अमृतसर पहुँच रही थी ..

सरदार टी टी को खूब गालियाँ देने लगा .. टी टी चुप चाप  था ।

लोगों ने टी टी  से कहा :  वो इतनी गालियाँ दे रहा है और चुप चाप सुन रहे हो ?

टी टी  :  वाहे गुरु की कसम , में ये सोच रहा हूँ की सुबह 4 बजे जिस सरदार को ज़बरदस्ती उतार दिया था, वो  कितनी गालियाँ दे  रहा होगा ....

करो फोर्वोर्ड....ये तो पक्का नया है..!
❄❄

एक और जनाजा था तेरे जनाजे के पीछे ..

एक लड़का और लड़की एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे ,
एक दिन लड़का मर जाता है।
उसने स्वर्ग में से लड़की को कहा,

एक वादा था तेरा हर वादे के पीछे,
तु मिलेगी हर गली हर दरवाजे के पीछे,
पर तू क्यों इतनी बेवफा निकली,
कि एक तू ही नहीं थी मेरे जनाजे के पीछे,

लड़की ने आँखों में आँसू के साथ जवाब दिया -एक वादा था मेरे हर वादे के पिछे,
मिलूँगी तूझे हर गली हर दरवाजे के पीछे,
तूने ही नही मुड़ कर देखा,
एक और जनाजा था तेरे जनाजे के पीछे ..