शायद किसी बला का था साया दरख्त पर ,
चिड़ियों ने रात शोर मचाया दरख्त पर ,
देखा न जाए धूप में जलता हूआ कोई ,
मेरा जो वश चले , करूं साया दरख्त पर ,
सब छोड़े जा रहे थे सफ़र की निशानियां ,
मैंने भी एक नक्श बनाया दरख्त पर ,
अब के बहार आई है शायद ग़लत जगह ,
जो ज़ख्म दिल पे आना था , आया दरख्त पर...
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
कुल पेज दृश्य
मंगलवार, 30 जून 2015
किसी बला का था साया दरख्त पर
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी, दिल की गहराई में हमारी तस्वीर बस जाएगी, ढूंढने चले हो हमसे बेहतर तो, याद रखना तलाश हम से शुरू होकर, हम पे ही खत्म हो जाएगी…
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे, देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे, पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा ईस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे…
सोमवार, 29 जून 2015
सूरज के बिना सुबह नही होती
सूरज के बिना सुबह नही होती,
चाँद के बिना रात नही होती,
बादल के बिना बरसात नही होती,
आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नही होती…
छोड दिया हमारा साथ तो कोई गम नहीँ
छोड दिया हमारा साथ तो कोई गम नहीँ।
भुल जायेँगे आप हमे, भुलने वाले हम नहीँ।
मुलाकत हो ना पाई तो कोई बात नही।
आपकी एक याद मुलाकत से कम नही।
दुनिया आपको आपके दिखावे से जानती है
"नीयत" कितनी भी अच्छी हो, दुनिया आपको आपके दिखावे से जानती है,
और "दिखावा कितना भी अच्छा हो
"उपरवाला" आपको नीयत से जानता है......
क्योंकि हम ऐसी दुनियां में रहते है, जहाँ
नकली निम्बू पानी
(Limca, Sprite)
से आपका स्वागत होता है,
और असली निम्बू पानी
(Finger bowl)
हात धोने के लिए दिया जाता है।
इस कदर बट गए है ज़माने में सभी..
इस कदर बट गए है ज़माने में सभी..
अगर खुदा भी आकर कहे.. 'मै भगवान हूँ'...
तो लोग पूछ लेंगे...
'किसके'?
कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले;
हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;
कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;
हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले।
एक साल में 25 मित्र बनाना आम बात है।
25 साल तक एक ही मित्र से मित्रता निभाना खास बात है।
रविवार, 28 जून 2015
मैं ग़लत था मेरे दोस्तों ने कहा
मैं ग़लत था मेरे दोस्तों ने कहा,
मैं सही था मेरे दुश्मनों ने कहा.
रेत कहती रही इक समंदर हूँ मैं,
एक सहरा हूँ मैं बारिशों ने कहा.
सारी दुनिया को अपनी समझता रहा ,मगर मुझको अपना जंगलों ने कहा..
रूह से कितना मिलना ज़रूरी है ये,
जिस्म के बीच की दूरियों ने कहा .
मेरी खामोशियाँ कुछ भी कह न सकीं,
उम्र कैसे कटी मकबरों ने कहा..
मेरी दीवानगी मेरी आवारगी,
एक किस्सा था जो बादलों ने कहा..
इश्क़ मेरा इबादत कहा जाएगा,
मंदिरों ने कहा मस्जिदों ने कहा..
दिलको जब मैंने ग़ज़लें सुनाई तेरी,
माशअल्लाह मेरी धडकनों ने कहा..
दिल से लिखी बाते
दिल से लिखी बातें
दिल को छू जाती हैं
ये अक्सर अनोखी
बात कह जाती हैं
कुछ लोग मिलकर
बदल जाते हैं
और
कुछ लोगों से मिलकर
जिन्दगी बदल जाती है.
गुरुवार, 25 जून 2015
नफरत को हम प्यार देते है .....
"इबादत के जरिए दिल को साफ रखना,
जिस्म और रूह को गुनाहो से पाक रखना,
मेरी एक छोटी सी इल्तिजा है आपसे,
हद से ज्यादा गुनहगार हूं दुआ में याद रखना"..!!
नफरत को हम प्यार देते है .....
प्यार पे खुशियाँ वार देते है ...
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
" ऐ दोस्त " हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान
दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है...!!!
कुछ 'गुमशुदा'
फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बढ़ा दिए...
वरना, सब यार एक साथ थे,
चले थे दोस्तों का पूरा काफिला ले कर...
पर आधे 'जुदा' हो गए और आधे 'खफ़ा हो गए...
कुछ 'गुमशुदा' तो कुछ 'शादीशुदा' हो गए !.....
कमी क्या है इन होठों में
छीन कर हाथो से सिगरेटवो कुछ इस अंदाज़ से
बोली
,
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कमी क्या है इन होठों में जो तुम सिगरेट
पीते हो...
सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है
सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद से
लोगो को हैरान अभी बाकी है
मौसम की तरह वो बदल गए
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की
मौसम की तरह वो बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया!!
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽हर बात समझाने के लिए नहीं होती,
ज़िन्दगी हमेशा पाने के लिए नहीं होती ,
याद अक्सर आती है आपकी ,
पर हर याद जताने के लिए नहीं होती...............
㊗मन की कुछ दिलो में नफरत होती है,
पर हर दिल में कोई हसरत होती है,
इंसान उस के आगे क्यों मजबूर हो जाता है,
जिस से उसे बेपनाह महोब्बत होती है............
इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
उजालो मे अंधेरों की परछाई है,
क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
शायद याद उनकी चुपके से चली आई है..........
लोग आते हैं लोग जाते हैं
प्यार देते है प्यार ले जाते हैं
कभी अकेले बैठकर सोचना,
जो सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं
वोही सबसे ज़्यादा दर्द दे जाते हैं.............
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले मे उसने मुझे खामोशी दे दी.
खुदा से दुआ माँगी मरने की,
लेकिन उसने भी तड़पने के लिए ज़िंदगी दे दी...........
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको............
हमारी खामोशी हमारी आहट है,
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं,
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है,
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है..........
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,...........
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं...........
ऑंसुओ के गिरने की आहट नही होती.
दिलके टूटने की आवाज नही होती.
अगर होता खुदा को एहसास दर्द का.
तो ऊसे दर्द देने की आदत नही होती.....
यही तो प्यार है..
कोई साथ दे या ना दे ,
चलना मुझे आता है ,
हर आग से वाकिफ हूँ ,
जलना मुझे आता है …!!
'मैने कहाः- वो अजनबी है..
दिल ने कहाः- वो दिल्लगी है..
मैने कहाः- वो सपना है..
दिल ने कहाः- फिर भी वो अपना है..
मैने कहाः- वो सिर्फ ईंतजार है..
दिल ने कहाः- यही तो प्यार है..'
"वक्त के पन्ने पलटकर,
फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है,
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर,
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है."
मंगलवार, 23 जून 2015
सपनो को पंख लगे है
सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है
इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है
बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है
नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है
य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है
शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद से
लोगो को हैरान अभी बाकी है
बाज़ार-ए-वफ़ा
नीलाम कुछ इस कदर हुए, बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज, बोली लगाने वाले भी वो ही थे, जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे!
सोमवार, 22 जून 2015
पेड बूढा ही सही
पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
लौट आता हूँ
लौट आता हूँ वापस घर की तरफ,
हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की
जीने के लिए काम करता हूँ
या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार
पूछा गया सवाल -
“बङे हो कर क्या बनना है ?”
जवाब अब मिला है, – “फिर से
बच्चा बनना है.
रविवार, 21 जून 2015
सुबह की धूप
हर सुबह की धूप कुछ याद करती है,
हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है,
जिन्दगी कितनी भी खुबसूरत क्यों ना हो, लेकिन सुबह सुबह अपनों की याद ही आती है.
कोन किसका रकीब (enemy) होता है
कोन किसका रकीब (enemy) होता है,
कोन किसका हबीब (friend) होता है
बन जाते रिश्ते -नाते जहा
जिसका नसीब होता है..............।
हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो..!.........।
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने;
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने…………...।
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर..........।
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर..........।
घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली
सारी गली उनके पीछे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से……….
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली……….। वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना
वो नादान है यारो अपना हाथ जला लेगी.........।
तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई………।
वक्त नूर को बेनूर कर देता है,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,
कौन चाहता है अपने से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है............।
जिंदगी हे सफर का सील सिला,
कोइ मिल गया कोइ बिछड़ गया,
जिन्हे माँगा था दिन रात दुआओ मे,
वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.........।
माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही
पर ये सच ह के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही.........।
इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा इमां है
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िन्दगी
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है. ...my allll sweet dear friendsss good morning have a happy Sunday.... happy YOG day...
जूते खो गये
अर्ज़ किया है -
महफ़िल में हमारे जूते खो
गये तो हम घर कैसे जायेंगे ?
महफ़िल में हमारे जूते खो
गये तो हम घर कैसे जायेंगे ?
किसी ने कहा-"आप शायरी तो
शुरू कीजिए
इतने मिलेंगे कि आप गिन नहीं पायेंगे ".
शनिवार, 20 जून 2015
Poem on international yoga day
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस दिनांक-21 जून, 2015
1. योग दिवस में भाग लीजिए - भ्रम-कुयोग सब दूर कीजिए॥
2. योगी बनें-विवेक जगायें - भेद मिटायें-प्रेम बढ़ायें॥
3. योगी बनें-कुयोग मिटायें - स्वस्थ, समुन्नत राष्ट्र बनायें॥
4. योग दिवस की यही पुकार - सबकी सेवा-सबसे प्यार॥
5. योग हेतु छेड़ो अभियान - इससे होगा जनकल्याण॥
6. योग दिवस सब लोग मनायें - श्रेष्ठ बनें और श्रेष्ठ बनायें॥
7. सच्चा योगी उसको मानें - जो सबको अपना प्रिय मानें॥
8. योग करेगा यह जग सारा - विश्व बनेगा स्वर्ग सा प्यारा॥
9. योग प्यार-सहकार जगाये - समता का आधार बढ़ाये॥
10. घर-घर में हो योग सबके - खुशहाल बनें हर एक तबके॥
11. योग विश्व परिवार बनाये - प्रेम और सहकार जगाये॥
12. योग से अपना तेज बढ़ायें - मन में नव-उल्लास जगायें॥
13. नव युग का आधार है योग - उज्जवल भविष्य शुभ संयोग॥
14. योग का अनुशासन अपनायें - इस धरती को स्वर्ग बनायें॥
15. योग का नित्य अभ्यास हो - अन्तर् उत्कर्ष की प्यास हो॥
16. संस्कृति का सार है योग - संस्कारों का आधार है योग॥
17. योग से उत्तम स्वास्थ्य बनायें - मन से स्वच्छ सभी हो जायें॥
18. योग से हो सबका उत्थान - जन-जन जागे,बने महान्॥
19. योगी बन सब रोग मिटायें - स्वस्थ, समुन्नत जीवन पायें॥
20. मेरा भारत बने महान् - जन-गण-मन का हो उत्थान॥
21. योग से शुभ सद्ज्ञान जगेगा - भारत का सम्मान बढ़ेगा॥
22. योग से खुशहाली बढ़ेगी - हरियाली से धरती भरेगी॥
23. योग से नया युग सजेगा - तेजस्वी हर मानव बनेगा॥
24. गाँव-गाँव में होगा योग - स्वस्थ बनें सब भागे रोग॥
25. तनाव से मिले छुटकारा - केवल एक योगसहारा॥
26. योग का अनुशासन अपनाओ - स्वस्थ, समुन्नत जीवन पाओ॥
27. ऋषि संस्कृति की शान है योग - नवयुगका उत्थान है योग॥
28. भारत की पहचान है योग - नया विश्व निर्माण है योग॥
29. आओ सब मिल योग करें - जीवन का सदुपयोग करें॥
30. योग बहाये सद्भाव की धारा - बँधे प्यार से यह जग सारा॥योग की जय हो, कुयोग का नाश हो।प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो॥भारत माता की जय॥
Hamari adhoori kahani..
बेहतरीन कविता
तू जिंदगी को जी, उसे समझने की कोशिश
न कर
सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन,उसमे उलझने
की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमे सिमटने
की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे,
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे, सब कुछ खुद
सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून
छीन ले वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंजिल
पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर....
शुक्रवार, 19 जून 2015
Shayarana hai dil
Tu lakh bhula k dekh mujhe me fir bhi yaad aaunga...
Tu pani pe pe k thak jayegi...
Me hichkiyaa ban ban k sataunga...
Kiyu bhatakte ho sareraah, barish ka lutf lene ko...
Kabhi meri aankho me thahar k dekho, ye beinteha barsti hai...
Wo tera ek wada k hum kabhi juda nahi hongey...
Wo qissa hum apne dil ko suna k...
Aksar muskuratey hai...
Roj-Roj girkar bhi mukkamal khada hu...
Ae mushkilo... dekho me tumse kitna bada hu...
Maar do jaan se beshaq pr aise saza na do...
Ki baitho tum hamare samney kisi ajnabi ki tarah...
Aahishta Aahishta kijiye qatl mere Armano ka...
Kahi sapno se logo ka Aetbaar na uth jaye...
Me thak sa gaya hu khud ko sabit kartey kartey...
Mere tarikey galat ho saktey hai pr meri mohabbat nahi...
Na khushi ki talash hai na game'n nizaat ki aarzoo...
Me khud se naraz hu teri berukhi k baad...
hamari ho...
Aap khud nahi jantey aap kitney pyaare ho...
Jaan ho hamari pr jaan se pyaare ho...
Duriyon k hone se koi fark nahi padta..
Aap kal bhi hamari thi or Aaj bhi hamari ho...
दिल करता है सुधर जाऊँ
Monsoon special
आसमान पे काली घटा छाई है....
आज फिर घरवाली ने दो बात सुनाई है....
दिल करता है सुधर जाऊँ, मगर...
बाजूवाली आज फिर भीग कर आई है ...
....
yo yo
गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!
बेरंग हैं पानी फिर भी.. जिन्दगी कहलाता हैं,
ढेर सारे रंग हैं शराब के.. फिर भी गन्दगी कहलाती हैं,
लोग भी कमाल करते हैं.. जिन्दगी के गम भुलाने के लिये,
गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!....
गुरुवार, 18 जून 2015
किसी ने मेरी नींद लूटी
किसी ने मेरी नींद लूटी
तो किसी ने मेरा चैन लूट लिया
.
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नींद मिले तो आप रख लेना
पर चैन मिले तो प्लीज मुझे दे देना .........
2 तोले की है यार...
मौत पर मै कैसे लिखु कविता
मौत पर मै कैसे लिखु कविता ,
मरने का नाम ही मौत होता,
या जीवन का अंत ही मौत होता।
तो मै बहाता अपने भावो की सरिता।
मौत पर मै कैसे लिखु कविता।।
मौत ही हमे जीने की राह बताती है।
मौत मिथ्यासंसार का भान कराती है।
मौत से अहसास पराए अपने का,
मौत मानवता का पाठ सीखाती है।।
न मरने का नाम मौत है।
न जीवन का अंत मौत है।।
मै बहा दु कैसे भावो की सरिता।
मै मौत पर कैसे लिखु कविता।।
उस पेड का भी क्या पेड होना,
जिस पर न फूल, न फल ,न छॉव है।
उन मां बाप का भी क्या जीना,
जिनके बेटो ने दिए उन्हे घाव है।।
नदी जो बारीश मे करे कलकल,
बाकी सदा ही मौन रहती है।
जीने की आशा मे हर पल वो,
मौत और बस मौत सहती है।।
नही मै नही लिख सकता,
जीवन के आदर्श ,मौत पर कविता।
मै बहा दू कैसे भावो की सरिता।
मै मौत पर कैसे लिखु कविता।
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा....
सपने मे अपनी मौत को करीब से देखा....
कफ़न में लिपटे तन जलते अपने शरीर को देखा.....
खड़े थे लोग हाथ बांधे एक कतार में...
कुछ थे परेशान कुछ उदास थे .....
पर कुछ छुपा रहे अपनी मुस्कान थे..
दूर खड़ा देख रहा था मैं ये सारा मंजर.....
.....तभी किसी ने हाथ बढा कर मेरा हाथ थाम लिया ....
और जब देखा चेहरा उसका तो मैं बड़ा हैरान था.....
हाथ थामने वाला कोई और नही...मेरा श्याम था...
चेहरे पर मुस्कान और नंगे पाँव था....
जब देखा मैंने उस की तरफ जिज्ञासा भरी नज़रों से.....
तो हँस कर बोला.... "तूने हर दिन दो घडी जपा मेरा नाम था.....
आज प्यारे उसका क़र्ज़ चुकाने आया हूँ...।"
रो दिया मै..अपनी बेवक़ूफ़ियो पर तब ये सोच कर .....
जिसको दो घडी जपा
वो बचाने आये है...
और जिन मे हर घडी रमा रहा
वो शमशान पहुचाने आये है....तभी खुली आँख मेरी बिस्तर पर विराजमान था.....
कितना था नादान मैं हकीकत से अनजान था....
बुधवार, 17 जून 2015
बुलंदी
बुलंदी देर तक किस शख्श के हिस्से में रहती है
बहुत ऊँची इमारत हर घडी खतरे में रहती है
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है
जी तो बहुत चाहता है इस कैद-ए-जान से निकल जाएँ हम
तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है
अमीरी रेशम-ओ-कमख्वाब में नंगी नज़र आई
गरीबी शान से एक टाट के परदे में रहती है
मैं इंसान हूँ बहक जाना मेरी फितरत में शामिल है
हवा भी उसको छू के देर तक नशे में रहती है
मोहब्बत में परखने जांचने से फायदा क्या है
कमी थोड़ी बहुत हर एक के शज़र* में रहती है
ये अपने आप को तकसीम* कर लेते है सूबों में
खराबी बस यही हर मुल्क के नक़्शे में रहती है
शज़र = पेड़
तकसीम = बांटना
सच्चा परिवार
卐 सच्चा परिवार 卐
•"परिवार में"- कायदा नही परन्तु व्यवस्था होती है।
•"परिवार में"- सूचना नहीं परन्तु समझ होती है।
•"परिवार में"- कानून नहीं परन्तु अनुशासन होता है।
•"परिवार मे"- भय नहीं परन्तु भरोसा होता है।
• "परिवार मे"- शोषण नहीं परन्तु पोषणहोता है।
•"परिवार मे"- आग्रह नही परन्तु आदर होता है।
•"परिवार मे"- सम्पर्क नही परन्तु सम्बन्ध होता है ।
•"परिवार मे"- अर्पण नही परन्तु समर्पण होता है।
वही सच्चा परिवार होता है।।
मंगलवार, 16 जून 2015
प्यार वो हैं..
प्यार वो हैं..
❤
जब माँ रात को आती है
और कहती हैं..
“सो जा, बाकी सुबह उठ कर पढ़ लेना”
❤प्यार वो हैं …
जब हम tution से वापस आये और पापा कहे-
“बेटा लेट होने वाले थे तो कॉल कर देते”
प्यार वो है….
जब भाभी कहती हैं -
“ओये हीरो;
लड़की पटी की नही”
प्यार वो हैं….
जब बहन कहती हैं-
“देखूंगी मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन करेगा
”प्यार वो हैं….
जब हम निराश हो और भाई आकर कहे-
“चल नौटंकी कही घुमने चलते हैं”
प्यार वो है…
जब दोस्त कॉल करके कहे-
ओये कमीने जिन्दा हैं या मर गया”
यह है सच्चा प्यार।
इसे अपने जीवन मैं बिलकुल भी ना गवाएं..
प्यार केवल गर्ल फ्रेंड या बॉय फ्रेंड होना ही नही हैं।
यह प्यार उससे भी ऊपर हैं।
ज्यादा से ज्यादा शेयर करके अपने दोस्तों को भी अपने प्यार का अहसास दिलवाए।
कुछ यादें बची हैं इस दिल के पेन ड्राईव में
बिखर गया है सब कुछ
मेरी लाईफ में
कुछ यादें बची हैं
इस दिल के पेन ड्राईव में
जिस दिन मैंने दुनिया में
लॉग इन किया
सारा मोहल्ला
खुशियों से रंगीन किया
स्कूल में मेरी
होती अक्सर पिटायी थी
मैं 2G था
और मैडम वाईफाई थी
उस पर मेरा
सॉफ्टवेयर बडा पुराना था
ट्यूब लाईट था मैं
जब CFL का जमाना था
गणित में तो
मैं बचपन से ही फ़्लॉप था
भेजे का पासवर्ड
बड़े दिनों तक लॉक था
कितना भी मारो
भेजे को सिगनल मिलता नहीं
बिन सिगनल, जिंदगी का
नेटवर्क चलता नहीं
जब जब स्कूल जाने में
मैं लेट हुआ
प्रिंसपल की डाँट से
सॉफ़्टवेयर अपडेट हुआ
हाईस्कूल में
ईश्क का वायरस घुस बैठा
भेजे में सुरक्षित
सारा डाटा चूस बैठा
नजरों से नजरें टकरायी
10th क्लास में
मैसेज आया
मेरे दिल के इनबॉक्स में
जब जब मैंने
आगे बढकर पोक किया
धीरे से उसने
नजरें झुकाकर रोक लिया
कॉलेज में देखा
किसी गैर के साथ
तो मन बैठा
ईश्क का वायरस
एंटीवायरस बन बैठा
वो रियल थी
लेकिन फ़ेक आईडी सी
लगने लगी
बातों से अपनी
मेरे यारों को भी ठगने लगी
आयी वो वापस
दिल पे मेरे नॉक किया
लेकिन फ़िर मैंने
खुद ही उसको ब्लॉक किया
मेरे जीवन में
अब प्यार के लिए स्पेस नहीं
मैं 'मीत' हूँ पगली
मजनू का अवशेष नहीं
कॉलेज से निकला
दुनियादारी सीखने लगा
बना मैं शायर
देशप्रेम पर लिखने लगा
जब दिल चाहे
तसवीर नयी बनाता हूँ
आदमी को उसका
असली चेहरा दिखलाता हूँ
डरता है दिल
जिंदगी मेरी ना वेस्ट हो
जो कुछ लिखूँ,
सदियों तक कॉपी पेस्ट हो
ख्वाहिश है
मेरे गीत जहाँ में लाउड हों
इस 'ज़िंदगी' का क्या है,
जाने कब लॉग आउट हो
रविवार, 14 जून 2015
धीरे धीरे उम्र कट जाती है
धीरे धीरे उम्र कट जाती है
ज़िन्दगी
यादों की किताब बन जाती है
कभी किसी की
याद बहुत तड़पाती है
और
कभी यादों के सहारे
ज़िन्दगी कट जाती है
किनारो पे सागर के
खजाने नहीं आते,
जीवन में बीते पल
दुबारा नहीं आते....
जी लो इन पलों को
हँस के जनाब,
फिर लौट के
दोस्ती के जमाने नहीं आते..
रहने दे आसमा. ज़मीन कि तलाश
=> रोज तारीख बदलती. है,
रोज. दिन. बदलते. हैं....
रोज. अपनी. उमर. भी बदलती. है.....
रोज. समय. भी बदलता. है...
हमारे नजरिये. भी. वक्त. के साथ. बदलते. हैं.....
बस एक. ही. चीज. है. जो नहीं. बदलती...
और वो हैं "हम खुद"....
और बस ईसी. वजह से हमें लगता है. कि. अब "जमाना" बदल गया. है........
किसी शायर ने खूब कहा है,,
रहने दे आसमा. ज़मीन कि तलाश. ना कर,,
सबकुछ। यही। है, कही और तलाश ना कर.,
हर आरज़ू पूरी हो, तो जीने का। क्या। मज़ा,,,
जीने के लिए बस। एक खूबसूरत वजह। कि तलाश कर,,,
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे,,
अपने अपने हिस्से कि। "दोस्ती" निभाएंगे,,,
बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफ़र,,,
आप वहा से याद करना, हम यहाँ से मुस्कुराएंगे,,,
क्या भरोसा है. जिंदगी का,
इंसान. बुलबुला. है पानी का,
जी रहे है कपडे बदल बदल कर,,
एक दिन एक "कपडे" में ले जायेंगे कंधे बदल बदल कर,,
विज्ञान चालीसा
जय न्यूटन विज्ञान के आगर,
गति खोजत ते भरि गये सागर ।...
ग्राहम् बेल फोन के दाता,
जनसंचार के भाग्य विधाता ।
बल्ब प्रकाश खोज करि लीन्हा,
मित्र एडीशन परम प्रवीना ।
बायल और चाल्स ने जाना,
ताप दाब सम्बन्ध पुराना ।
नाभिक खोजि परम गतिशीला,
रदरफोर्ड हैं अतिगुणशीला ।
खोज करत जब थके टामसन,
तबहिं भये इलेक्ट्रान के दर्शन ।
जबहिं देखि न्यट्रोन को पाए,
जेम्स चैडविक अति हरषाये ।
भेद रेडियम करत बखाना,
मैडम क्यूरी परम सुजाना ।
बने कार्बनिक दैव शक्ति से,
बर्जीलियस के शुद्ध कथन से ।
बनी यूरिया जब वोहलर से,
सभी कार्बनिक जन्म यहीं से ।
जान डाल्टन के गूँजे स्वर,
आशिंक दाब के योग बराबर ।
जय जय जय द्विचक्रवाहिनी,
मैकमिलन की भुजा दाहिनी ।
सिलने हेतु शक्ति के दाता,
एलियास हैं भाग्यविधाता ।
सत्य कहूँ यह सुन्दर वचना,
ल्यूवेन हुक की है यह रचना ।
कोटि सहस्र गुना सब दीखे,
सूक्ष्म बाल भी दण्ड सरीखे ।
देखहिं देखि कार्क के अन्दर,
खोज कोशिका है अति सुन्दर ।
काया की जिससे भयी रचना,
राबर्ट हुक का था यह सपना ।
टेलिस्कोप का नाम है प्यारा,
मुट्ठी में ब्रम्हाण्ड है सारा ।
गैलिलियो ने ऐसा जाना,
अविष्कार परम पुराना ।
विद्युत है चुम्बक की दाता,
सुंदर कथन मनहिं हर्षाता ।
पर चुम्बक से विद्युत आई,
ओर्स्टेड की कठिन कमाई ।
ओम नियम की कथा सुहाती,
धारा विभव है समानुपाती ।
एहि सन् उद्गगम करै विरोधा,
लेन्ज नियम अति परम प्रबोधा ।
चुम्बक विद्युत देखि प्रसंगा,
फैराडे मन उदित तरंगा ।
धारा उद्गगम फिरि मन मोहे,
मान निगेटिव फ्लक्स के होवे ।
जय जगदीश सबहिं को साजे,
वायरलेस अब हस्त बिराजै ।
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग आए,
पैसिंलिन से घाव भराये ।
आनुवांशिकी का यह दान,
कर लो मेण्डल का सम्मान ।
डा रागंजन सुनहु प्रसंगा,
एक्स किरण की उज्ज्वल गंगा ।
मैक्स प्लांक के सुन्दर वचना,
क्वाण्टम अंक उन्हीं की रचना ।
फ्रैंकलिन की अजब कहानी,
देखि पतंग प्रकृति हरषानी ।
डार्विन ने यह रीति बनाई,
सरल जीव से सॄष्टि रचाई ।
परि प्रकाश फोटान जो धाये,
आइंस्टीन देखि हरषाए ।
षष्ठ भुजा में बेंजीन आई,
लगी केकुले को सुखदाई ।
देखि रेडियो मारकोनी का,
मन उमंग से भरा सभी का ।
कृत्रिम जीन का तोहफा लैके,
हरगोविंद खुराना आए ।
ऊर्जा की परमाणु इकाई,
डॉ भाषा के मन भाई ।
थामस ग्राहम अति विख्याता,
गैसों के विसरण के ज्ञाता ।
जो यह पढ़े विज्ञान चालीसा,
देइ उसे विज्ञान आशीषा ।