समय' और 'समझ' दोनों एक साथ खुश
किस्मत लोगों को ही मिलते हैं
क्योंकि,
अक्सर 'समय' पर 'समझ'
नहीं आती और 'समझ' आने पर
'समय' निकल जाता है
पत्तो सी होती है कई रिश्तो कि उम्र,आज हरे.कल सूखे.क्यू ना रिश्ते निभाना हम जङो से सीखे
जब टूटने लगे होसले तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख्तो ताज नहीं होते,
ढूंड लेना अंधेरों में मंजिल अपनी,
जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते
बहुत गुरुर था सबको
अपनी दौलत पर
जरा सी जमीन क्या हिली
सब औकात में आ गए
में वो काम नहीं करता जिसमे खुदा मिले
मगर में वो काम जरूर करता हु जिसमे दुआ मिले
मै फकीरों से सौदा कर लेता हु अक्सर.
वो एक सिक्के में लाख दुआए दे जाते है.
खटका उनकी आँखों में एक गरीब का सूट.जिनकी पीढ़ीयां खादी की आड़ में ले गईं देश को लूट.
ना इश्क़ है तुझसे और ना ही तेरी चाहत.
"बस तेरे आस-पास होने से, एक सुकून सा मिलता है मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना.
जरा सी भी चूक हुई तो मोहब्बत हो जायेगी.....
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
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मंगलवार, 2 जून 2015
समय' और 'समझ'
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