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शनिवार, 29 जुलाई 2023

हिचकियाँ

हिचकियाँ


"दिल में सिर्फ आप हो और कोई खाश कैसे होगा, 


यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा, 


हिचकियाँ कहती हैं आप मुझे याद करते हो, 


पर बोलोगे नहीं तो मुझे ये एहसास कैसे होगा."

नासूर


नासूर


वक़्त नूर को बेनूर बना देता है!

छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!

कौन चाहता है अपनों से दूर रहना


 पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!

नसीब


नसीब



दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं!


हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!


कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब!


मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!

तन्हाई बेहतर है.

तन्हाई बेहतर है.


*तन्हाई बेहतर है...*
*मतलबी लोगों से*

*कदर  होती है इंसान* 
*की जरुरत पड़ने पर ही.*
*बिना जरुरत के तो*
*हीरे भी तिजोरी में रहते है*
लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया..
ये ग़म भी था कोई डाकिया ज़िद्दी सा।
मेरी दर्द की
एक दुकान है
जो सिर्फ अपनों की
मेहरबानी से चलती है

इम्तिहान

इम्तिहान


"जाना कहा था और कहां आ गए,
दुनिया में बन कर मेहमान आ गए,
अभी तो प्यार की किताब खोली थी,
और न जाने कितने इम्तिहान आ गए।"