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मंगलवार, 12 जून 2018

लम्हे चुरा : A funny Hindi poem

लम्हे चुरा 


ज़िन्दगी से लम्हे चुरा, बटुए मे रखता रहा!
फुरसत से खरचूंगा, बस यही सोचता रहा।
उधड़ती रही जेब, करता रहा तुरपाई
फिसलती रही खुशियाँ, करता रहा भरपाई।
इक दिन फुरसत पायी, सोचा .......खुद को आज रिझाऊं
बरसों से जो जोड़े, वो लम्हे खर्च आऊं।
खोला बटुआ..लम्हे न थे, जाने कहाँ रीत गए!
मैंने तो खर्चे नही, जाने कैसे बीत गए !!
फुरसत मिली थी सोचा, खुद से ही मिल आऊं।
आईने में देखा जो, पहचान  ही न पाऊँ।
ध्यान से देखा बालों पे, चांदी सा चढ़ा था।
था तो मुझ जैसा, जाने कौन खड़ा था।
                                                  -  चंद शब्द- हृदय से

गुरुवार, 6 अगस्त 2015

जी नही चाहता कि , नेट बंद करू !!

जी नही चाहता कि ,


नेट बंद करू !!
अच्छी चलती दूकान का ,
गेट बंद करू !!
हर पल छोटे - बड़े ,
प्यारे-प्यारे मैसेज ,
आते है !!


कोई हंसाते है ,
कोई रूलाते है !!
रोजाना हजारों ,
मैसेज की भीड़ में ,


कभी-कभी अच्छे ,
मैसेज भी छूट जाते है !!
मन नही मानता कि ,
दोस्तो पर कमेंट बंद करू !!


जी नही चाहता कि ,
नेट बंद करू !!
प्रात: सायं करते है ,
सब दोस्त नमस्कार !!


बिना स्वार्थ करते है ,
एक दूजे से प्यार !!
हर तीज त्यौहार पर ,
मिलता फूलो का उपहार !!


नेट बंद करने की ,
सोच है बेकार !!
दिल नही करता कि ,
दोस्तो की ये भेट बंद करू !!
जी नही चाहता कि ,
नेट बंद करू !!!!

रविवार, 26 जुलाई 2015

चना ज़ोर गरम और पकोडे प्याज़ के

चना ज़ोर गरम और पकोडे प्याज़ के


चना ज़ोर गरम और पकोडे प्याज़ के ...
चार दिन मे सूखेंगे कपड़े ये आज के ...

आलस और खुमारी बिना किसी काज के ...
टर्राएँगे मेंढक फिर बिना किसी साज़ के ...

बिजली की कटौती का ये मौसम आया है ...
हमारे घर आँगन आज सावन आया है ...

भीगे बदन और गरम चाय की प्याली ...
धमकी सी गरजती बदली वो काली ...

नदियों सी उफनती मुहल्ले की नाली ...
नयी सी लगती वो खिड़की की जाली ...

छतरी और थैलियों का मौसम आया है ...
हमारे घर आँगन आज सावन आया है ...

निहत्थे से पौधो पे बूँदो का वार ...
हफ्ते मे आएँगे अब दो-तीन इतवार ...

पानी के मोतियों से लदा वो मकड़ी का तार...
मिट्टी की खुश्बू से सौंधी वो फुहार ...

मोमबत्तियाँ जलाने का मौसम आया है...
हमारे घर आँगन आज सावन आया है ...

शनिवार, 18 जुलाई 2015

बीड़ी  अब CIGARETTE   बन गयी,

बीड़ी  अब CIGARETTE   बन गयी


बीड़ी  अब
CIGARETTE
  बन गयी,
 
         चटाई
CARPET  बन गयी,

                    मुक्केबाजी
              BOXING बन गयी,

      कुश्ती  हमारी
WRESLING बन गयी,

                    गिल्ली डंडा
              CRICKET बन गया,

          ..हमारा भारत
         GREAT बन गया..

   गाय  हमारी
COW बन गयी,

                    शर्म हया अब
                  WOW बन गयी,

  काढ़ा  हमारा
CHAI बन गया,

                     छोरा बेचारा
                   GUY बन गया,

   कठपुतली अब
PUPPET बन गया,

            ..हमारा भारत
          GREAT बन गया..

          हल्दी  अब
  TURMERIC बन गयी,

                     ग्वारपाठा
              ALOVIRA बन गया,

    योग हमारा
YOGA बन गया,

                     घर का जोगी
                  JOGA बन गया,

भोजन 100 रु.
PLATE बन गया,

         ..हमारा भारत
       GREAT बन गया..

  घर की दीवारेँ
WALL बन गयी,

          दुकानेँ
SHOPING MALLबन गयीँ,

                        गली मोहल्ला
                    WARD बन गया,

    ऊपरवाला
LORD बन गया,

                      रक्षाकवच
                HELMET बन गया,

            ..हमारा भारत
         GREAT बन गया..

  माँ हमारी
MOM बन गयी,

                             छोरियाँ
        ITEM BOMB बन गयीँ,

   पिताजी अब
   DAD बन गये,

                    घर के मालिक
                 HEAD बन गये,
   
          ..हमारा भारत
        GREAT हो गया..

  मनमोहन बिलकुल fail हो गया

    केजरीवाल भी खेल हो गया

      आडवाणी हमेशा के लिए
     P.M. in wait हो गया 

   क्यों की MODI बीजेपी में   
    Heavy wait हो गया.

अच्छे दिनों का सपना
         फिलहाल LATE हो गया,

       MODI फिर भी
      GREAT  हो गया..

  तुलसी की जगह
मनी प्लांट ने ले ली..!

                    चाची की जगह
                    आंटी ने ले ली..!

पिता जी  डेड हो गये..! 
           भाई तो अब ब्रो हो गये..! 
         बेचारी बेहन भी अब
          सिस  हो गयी..!

     दादी की लोरी तो अब
     टांय टांय फिस्स हो गयी..!

टी वी के सास बहू में भी
अब साँप नेवले का रिश्ता है..!
                पता नहीं एकता कपूर
           औरत है या फरिश्ता है..!!!

   जीती जागती माँ बच्चों के
      लिए ममी हो गयी..!

        रोटी अब अच्छी कैसे लगे
मैग्गी जो इतनी यम्मी हो गयी..!

गाय का आशियाना अब
      शहरों की सड़कों पर बचा है..!

             विदेशी कुत्तों ने लोगों के
   कंधों पर बैठकर इतिहास रचा है..!

    बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर
          दिल टूट रहा है..!

      हमारे द्वारा ही हमारी
      भारतीय सभ्यता का
       साथ छूट रहा है.....  

           
            एक मेसेज
    भारतीय सभ्यता के नाम....

शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

बेवफाई

बेवफाई

अर्ज़ किया है....

युं ना किसी के दिल के साथ खेलो.....

युं ना किसी के दिल के साथ खेलो.....

जब ग्रुप में मैसेज ही नहीं करना है तो....

स्मार्टफोन बेच कर रेडियो लेलो

Funny poem: पढ़े फ़ारसी बेचें तेल

Funny poem: पढ़े फ़ारसी बेचें तेल 


कलम बुद्दका आले में
टाट-पट्टिका ताले में ।।
ढाबा है विद्यालय में ,
ध्यान बंद शौचालय में ।।
मास्टर जी झमेले में
दिखते खड़े तबेले में ।।
भूसा-चूनी ,चारा काटें
अधिकारी जी ,फ़िर भी डाँटें ।।
सब्ज़ी-चावल रोटी परसें ,
बच्चे पढ़ने को हैं तरसें ।।
आया सरकारी फ़रमान
मास्टर है अवगुण की खान ।।
पड़ा निकम्मा कुर्सी तोड़े
चलो इसे कोल्हू से जोड़ें ।।
बेग़ारी करवाओ इससे
बच्चे न पढ़ पाएँ जिससे ।।
वोट बैंक तैयार रहे
होता अत्याचार रहे ।।
मुँह खोले तो भेजो जेल
शिक्षा के सँग होता खेल ।।
कैसे चले ज्ञान की रेल ।
पढ़े फ़ारसी बेचें तेल ।।

गुरुवार, 9 जुलाई 2015

शरीर को चंगा रखो

शरीर को चंगा रखो


शरीर को चंगा रखो
दिमाग़ को ठंडा रखो
जेब को गरम रखो
आँखों में शरम रखो
जुबान को नरम रखो
दिल में रहम रखो
क्रोध पर लगाम रखो
व्यवहार को साफ़ रखो
होटो पर मुस्कुराहट रखो
फिर स्वर्ग मे जाने की
क्या जरूरत, यहीं स्वर्ग है
स्वस्थ रहो......व्यस्त रहो.
....अपने ग्रुप मे... मस्त रहो.....

मंगलवार, 7 जुलाई 2015

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!

बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए


बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है 

और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"...