बदले रास्ते बदली मंजिल तकदीर बदल गयी
बदकिस्मती हूई मेहरबान कि जिंदगी बदल गयी
एक सहारा था जिनसे मुहब्बत का वो भी हूए न अपने
वफा हूई काफूर उनकी भीनजरें बदल गयी
कैफिरतें दी तो उन्होंने बहुत अपनी बेवफाई की
कैसे मान लेता मैं कि हसरतें उनकी बदल गयी
जानता हूँ मैं कि होती है तब्दीलियां इंसा में वक्त के साथ
अफसोस महज इतना है वफा उनकी मुखालफत में बदल गई
पा तो जाऊंगा मैं बदले रास्तों से बदली हूई मंजिल
पर खुशी नहीं मिलेगी वो कि खुशियां सारी गम में बदल गयी
वक्त बेवक्त जब जरूरत हो अपना समझ कर याद कर लेना
एक तेरे बदलने से मेरी मुहब्बतें तो नहीं बदल गयी
मजबूर हूं रस्में उल्फ़त निभाने को अपनी ही वफा से
ये जानने के बाद भी कि फितरतें तुम्हारी बदल गयी
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
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सोमवार, 1 जून 2015
बदले रास्ते बदली मंजिल
जिसको भी चाहा शिद्दत से चाहा है
जिसको भी चाहा शिद्दत से चाहा है
सिलसिला टूटा नहीं दर्द की ज़ंजीर का
वो शख्स जो कहता था तू न मिला तो मर जाऊंगा
वो आज भी जिंदा है यही बात किसी और से कहने के लिए
एक ही ज़ख्म नहीं सारा बदन ज़ख्मी है
दर्द हैरान है की उठूँ तो कहाँ से उठूँ
तमाम उम्र मुझे टूटना बिखरना था
वो मेहरबां भी कहाँ तक समेटता मुझे
तुम्हारी दुनिया में हम जैसे हजारों हैं
हम ही पागल थे जो तुम्हे पा के इतराने लगे
देखो तो 'चाँद' को कितना मिलता है हमसे,
तुम सा 'हसीन,
मुझ सा 'तन्हा'
रात भर गहरी नींद आना
इतना आसान नहीं..
उसके लिए दिन भर
ईमानदारी से जीना पड़ता हैं.
चेहरे'.अजनबी" हो जाये तो कोई बात नही लेकिन,
'रवैये' अजनबी" हो जाये तो 'बड़ी' "तकलीफ" देते हैं
इतनी बदसलूकी ना कर.
ऐ जिंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार बार
आने वाले है.
प्यास बुझानी है तो उड़ जा पंछी शहर की सरहदों से दूर,
यहाँ तो तेरे हिस्से का पानी भी प्लास्टिक की बोतलों में बंद है.....
शतरंज की चालों का खौफ
शतरंज की चालों का खौफ उन्हें होता है
जो सियासत करते हैं...
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं.
न हार की फिक्र, न जीत का ज़िक्र!
है गुजारिश हर माँ-बाप से
ये बदलते दौर की मजबूरी है
लड़के को पराठे और
लड़की को कराटे सिखाना भी जरूरी है
हम तो सोचते थे की
लफ्ज़ ही चोट करते है
पर कुछ खामोशियों के जख्म तो
और भी गहरे निकले
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने जिंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होंटो से न जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है
जमीन अच्छी हो, खाद अच्छा हो,
पर पानी अगर खारा हो
तो फूल खिलते नहीं.
भाव अच्छा हो, विचार भी अच्छा हो
मगर वाणी खराब हो
तो संबंध भी टिकते नहीं
⚫मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने! तेरे ही मंदिर में;
तेरी ही मस्जिद में;
तेरे ही बंदे;
तेरे ही सामने रोते हैं!
तुझे नहीं, किसी और को पाने के लि
रविवार, 31 मई 2015
चिड़िया दिल से हारी कितनी
मुरझाई टहनी प्यारी कितनी
चिड़िया दिल से हारी कितनी
स्वप्न संजोये अब भी मन में
प्रेम डोर यह भारी कितनी
चिंहुँक रही है फिर भी देखो
प्यारी इसको यारी कितनी
खुश बहुत मुरझाई डाली
पावन प्रीत हमारी कितनी
साथ निभाया हर हालत में
हम लोगों से न्यारी कितनी....
[ रतनसिहं चम्पावत ]
The Number You Have Call Is Busy.....
छोटी सी खूबसूरत लाईन :
"जब से परीक्षा वाली जिंदगी पूरी हुई है,
तब से जिंदगी की परीक्षा शुरु हो गई है..
आज मुझे एक नया अनुभव हुआ
अपने मोबाइल से अपना ही नंबर लगाकर देखा, आवाज
आयी
The Number You Have Call Is Busy.....
फिर ध्यान आया किसी ने क्या खुब कहा है....
"औरो से मिलने मे दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त है..
कोई नही देगा साथ तेरा यहॉं
हर कोई यहॉं खुद ही में मशगुल है
जिंदगी का बस एक ही ऊसुल है यहॉं,
तुझे गिरना भी खुद है
और संभलना भी खुद है..
मैं नहीं चाहता चिर सुख
मैं नहीं चाहता चिर सुख
मैं नहीं चाहता चिर दुख,
सुख दुख की खेल मिचौनी
खोले जीवन अपना मुख!
सुख-दुख के मधुर मिलन से
यह जीवन हो परिपूरण,
फिर घन में ओझल हो शशि,
फिर शशि से ओझल हो घन!
जग पीड़ित है अति दुख से
जग पीड़ित रे अति सुख से,
मानव जग में बँट जाएँ
दुख सुख से औ' सुख दुख से!
अविरत दुख है उत्पीड़न,
अविरत सुख भी उत्पीड़न,
दुख-सुख की निशा-दिवा में,
सोता-जगता जग-जीवन।
यह साँझ-उषा का आँगन,
आलिंगन विरह-मिलन का;
चिर हास-अश्रुमय आनन
रे इस मानव-जीवन का!
आपका दिन मंगलमय हो
शनिवार, 30 मई 2015
जीने का अलग अंदाज
हमारे जीने का अलग अंदाज है
एक आँख में आँसू तो दूसरे में ख्वाब है
टूटे हुए ख्वाबो पे आँसू बहा लेते है....
और दूसरी आँख में फिर से ख्वाब सज़ा लेते है....
बिक रहे थे रिश्ते
✳ कदम रुक गए जब पहुंचे हम रिश्तों के बाज़ार में...
✳ बिक रहे थे रिश्ते खुले आम व्यापार में..
✳ कांपते होठों से मैंने पुछा,
"क्या भाव है भाई इन रिश्तों का?"
✳ दूकानदार बोला:
✳ "कौनसा लोगे..?
✳ बेटे का ..या बाप का..?
✳ बहिन का..या भाई का..?
✳ बोलो कौनसा चाहिए..?
✳ इंसानियत का.या प्रेम का..?
✳ माँ का..या विश्वास का..?
✳ बाबूजी कुछ तो बोलो कौनसा चाहिए.चुपचाप खड़े हो कुछ बोलो तो सही...
✳ मैंने डर कर पुछ लिया दोस्त का..?
✳ दुकानदार नम आँखों से बोला:
✳ "संसार इसी रिश्ते पर ही तो टिका है ..,माफ़ करना बाबूजी ये रिश्ता बिकाऊ नहीं है..
इसका कोई मोल नहीं लगा पाओगे,
✳ और जिस दिन ये बिक जायेगा... उस दिन ये संसार उजड़ जायेगा..."
पल गुजारे थे जो तन्हाई में
खैर अच्छा ही हुआ कि ये मुमकिन न हुआ
मेरे इस रूह का कोई भी पैरहन न हुआ
पल गुजारे थे जो तन्हाई में रोते-रोते
इस तरीके से भी मेरा गम कुछ कम न हुआ
उड़ रहा था मेरा दिल भी परिंदों की तरह
तीर जब लग गई तो कोई भी मरहम न हुआ
देख लेना था मुझे भी हर सितम की अदा
ऐ सनम तेरे जैसा मेरा कोई दुश्मन न हुआ
दो लाइन दोस्तों के नाम
दो लाइन दोस्तों के नाम
वातावरण को जो महका दे उसे 'इत्र' कहते हैं जीवन को जो महका दे उसे ही 'मित्र' कहते है।
मान ली
मास्टर जी एक होटल में ख़ाली कटोरी में रोटी डुबो-डुबो कर खा रहे थे।
वेटर ने पूछा: मास्टरजी ख़ाली कटोरी में कैसे खा रहे हैं?
मास्टर जी : भइया, हम गणित के अध्यापक हैं। दाल हमने ‘मान ली’ है।
NO PARKING
अजीब मुसाफ़िर है यह इश्क़ के
सफ़र का
हर बार अपने दिल की गाड़ी वही
PARK
करना चाहता है जहाँ
पहले से ही "NO PARKING" का
बोर्ड लगा हो
इतनी गर्मी
रोये वो इस कदर उनकी लाश से लिपटकर
कि लाश खुद उठ कर बोली,
"ले तू मरजा पहले,
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उपर ही चढे जा रहा है इतनी गर्मी में।
फिर वही शायरी ,फिर वही इश्क फिर वही तुम........
हुए बदनाम मगर,फिर भी न सुधर पाए हम.
फिर वही शायरी ,फिर वही इश्क फिर वही तुम.........!.......।
बारिश मे चलने से एक बात याद आती है,
कभी फिसलने के खौफ़ से वो मेरा हाथ थाम लेती थी...............।
अगर चाहते हो की खुदा मिले;
तो वो करो जिससे दुआ मिले..!........।
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में,
बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता..!...........।
कास तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादो की तरह,
न वक़्त देखो न बहाना,बस चली आओ!...........।
♛ हम दोस्ती करते है तो अफसाने लिखे जाते है
और दुश्मनी करते है तो तारीखे
लिखी जाती है ...........।♛
तेरी दुआओ का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला;
मुहब्बत उन्ही को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती..!...........।
तेरा ये जुलम हि हमे अच्छा लगने लगा है सोचता हूँ कि इस जुलम को तुम कभी बंद तो नहीं करोगी। क्यों कि जुलम के बहाने हम तुमे भी देखा करते हैं समजी पगली............।
नम पलकों के संग मुस्काते है हम,लम्हा लम्हा दिलको बहलाते हैं हम, आप दूर हैं हमसे तो क्या हुआ,अपने धडकते दिल में आपकी आहात पाते है हम...............।
आखिर किस कदर खत्म कर सकते है, उनसे रिश्ते जिनको सिर्फ महसूस करने से, हम दुनिया भूल जाते है...!!..........।♥
अगर इतनी नफरत है हमसे तो एक सच्चे दिल से ऐसी दुआ कर दो
के तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये और हमारी ज़िन्दगी
भी.................।
यादें अकसर होती हैं सताने के लिए,
कोई रूठ जाता है फिर मान जाने के लिए,
रिश्ते निभाना कोई मुश्किल तो नहीं,
बस दिलों में प्यार चाहिए उसे निभाने के लिए
मोहब्बत ना सही मुकदमा ही कर दे
मोहब्बत ना सही मुकदमा ही कर दे मुझ पर/कम से कम तारीख दर तारीख मुलाक़ात तो होगी...
ये ना पूछ कि शिकायतें कितनी है तुझसे ऐ जिंदगी......सिर्फ ये बता कि तेरा कोई और सितम बाकी तो नहीं है ।
कितने बदल गये ये आजकल के रिश्ते/चन्द मुस्कानों के लिए चुटकुले सुनाने पड़ते हैं
ताप्ज्जुब न कीजियेगा अगर कोई दुश्मन भी आपकी खैरियत पूछ जायें/ये वो दौर है, जहाँ हर मुलाक़ात में मक़सद छुपे होते हैं !
ना जाने क्यों कोसते हैं लोग बदसूरती को/बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं।
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारों/और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमें ही उतार दिया गया !
कांच के टुकड़े
कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है ज़िन्दगी मेरी...
किसी ने समेटा ही नहीं...हाथ ज़ख़्मी होने के डर से...!!
वादे और शर्तों की जरूरत नही
अच्छे रिश्तों को वादे और शर्तों की जरूरत नहीं होती.
बस दो खुबसूरत लोग चाहिए.
एक निभा सके.
दूसरा उसको समझ सके.................। वक़्त दिखाई नही देता है
पर,
दिखा बहुत कुछ जाता है।.............।⛅️☀️
♥जीवन में बहुत सी मुश्किलें आयेगीं,
लेकिन कभी शिकायत मत करना
क्योकिं भगवान ऐसा डायरेक्टर है
जो सबसे कठिन रोल
बेस्ट एक्टर"को ही देता है..................।
तुम लाख छुपा लो सीने मे एहसास हमारी चाहत का.
दिल जब भी धड़कता है आवाज यहाँ तक आती है................।
बात सुनो 'तुम''मेरे हो जाओ या अपना बना लो
यू 'तुम्हारे बगैर' साँसे अब रुकने सी लगी है...............।
ए बुरे वक़्त
ज़रा अदब से पेश आ
वक़्त"ही कितना लगता है
वक़्त बदलने में...................।
मुझे सिर्फ तू पसंद है,
ना कोई और.!
ना कोई और तेरे जैसा,
ना कोई और तेरे अलावा.!!.............। खोए हुए
हम खुद रहते हैं,
और
ढूंढते आप को हैं.............।◐
☺️तुम लाख छुपा लो सीने मे एहसास हमारी चाहत का.
दिल जब भी धड़कता है आवाज यहाँ तक आती है.............।
जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुए पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी...............।
एक नफरत ही है जिसे
दुनिया पल भर में समझ लेती है.
वरना मोहब्बत का तो
पता लगने में सालों निकल जाते हैं
❤ मोहब्बतें......। ❤
क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में.
दोस्तों.
वो लोग ही बिछड़ गए.
'जो जिंदगी हुआ करते थे।.
शुक्रवार, 29 मई 2015
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी
किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही
कोई पढने में डूबा है
किसी की दो दो महबूबा हैं
सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है
मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं.