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शनिवार, 30 मई 2015

मान ली


मास्टर जी  एक होटल में ख़ाली कटोरी में रोटी डुबो-डुबो कर खा रहे थे।
वेटर  ने पूछा: मास्टरजी ख़ाली कटोरी में कैसे खा रहे हैं?
मास्टर जी : भइया, हम गणित के अध्यापक हैं। दाल हमने ‘मान ली’ है।

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