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सोमवार, 1 जून 2015

शतरंज की चालों का खौफ

शतरंज की चालों का खौफ उन्हें होता है
जो सियासत करते हैं...
हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं.
न हार की फिक्र, न जीत का ज़िक्र!
है गुजारिश हर माँ-बाप से
ये बदलते दौर की मजबूरी है
लड़के को पराठे और
लड़की को कराटे सिखाना भी जरूरी है
हम तो सोचते थे की
लफ्ज़ ही चोट करते है
पर कुछ खामोशियों के जख्म तो
और भी गहरे निकले
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
"नज़र उठाओ सामने जिंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होंटो से न जाने देना!
"क्योंकि आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पड़ी है
जमीन अच्छी हो, खाद अच्छा हो,
पर पानी अगर खारा हो
तो फूल खिलते नहीं.
भाव अच्छा हो, विचार भी अच्छा हो
मगर वाणी खराब हो
तो संबंध भी टिकते नहीं
⚫मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने! तेरे ही मंदिर में;
तेरी ही मस्जिद में;
तेरे ही बंदे;
तेरे ही सामने रोते हैं!
तुझे नहीं, किसी और को पाने के लि

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 05 दिसम्बर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. वाह!लडके को पराँठे और लडकियों को कराटे .....वाह!क्या बात है ।बहुत ही उम्दा !

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