ये चाहतें, ये रौनकें, पाबन्द है मेरे जीने तक
ये चाहतें, ये रौनकें, पाबन्द है मेरे जीने तक
ये चाहतें, ये रौनकें, पाबन्द है मेरे जीने तक;
बिना रूह के नहीं रखते, घर वाले भी ज़िस्म को।
बहुत दिल दिखाया है लोगों ने मेरा
"ऐ - मौत"
अगर तू साथ दे तो सबको रुला सकता हूँ में.
ये कलम भी कमबख्त बहुत दिल जली है.....
जब जब भी मुझे दर्द हुआ ये खूब चली है....
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