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मंगलवार, 10 मार्च 2015

मांगू "खुदा" से.....

बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी...........।

सुना है सब कुछ मिल जाता है
"दुआ" से.
मिलते हो खुद "या"..
मांगू "खुदा" से.......!!...........।

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती
खुद को भूलना पड़ता है किसी को अपना बनाने के लिए..................। 

जीत तो सकते थे हम भी इश्क की बाज़ी,
पर तुम्हे जितने के लिए हम
हारते चले गये…............।

मेरी ज़रूरत और ख्वाइश दोनों तुम ही हो
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई तो कोई एक तो पूरी होगी................।

अगर रुक जाये मेरी  धड़कन तो इसे मेरी मौत ना समजना,
अक्सर ऐसा होता हे तुम्हे याद करते करते..............।

मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो दिल
बैचैन हैं बहुत, कहीं तुम उदास
तो नहीं...............।

एक खूबसूरत लडकी बस स्टैंड पर खडी थी | एक नौजवान बोला- चांद तो रात में निकलता हैं , आज दिन में कैसे निकल आया ? लडकी बोली अरे उल्लू तो रात को बोलता था आज दिन में कैसे बोल रहा हैं................।

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद
तो नहीं लेकिन,,
पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता...........।

आग लगी थी. . मेरे घर को.किसी सच्चे दोस्त ने पूछा -:
"क्या बचा है.
मैने कहा
"मैं बच गया हूँ.
उसने गले लगाकर कहा -:
"फिर जला ही क्या हे.....

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