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गुरुवार, 2 जुलाई 2015

लाख टके की बात

  लाख टके की बात 

"दरवाज़े बड़े करवा लिए हैं अब हमने भी अपने आशियानेके...

क्योंकि कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाकर..!!".  

नींद और मौत में क्या फर्क है...?

नींद और मौत में क्या फर्क है...?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है....

"नींद आधी मौत है"

और

"मौत मुकम्मल नींद है"

जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है....

औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं।

सुबहे होती है , शाम होती है

उम्र यू ही तमाम होती है ।

कोई रो कर दिल बहलाता है

और

कोई हँस कर दर्द छुपाता है.

क्या करामात है कुदरत की,

ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है

और मुर्दा तैर के दिखाता है...

बस के कंडक्टर सी हो गयी है
जिंदगी ।

सफ़र भी रोज़ का है और
जाना भी कही नहीं।.....

सफलता के सात भेद, मुझे अपने कमरे के अंदर
ही उत्तर मिल गये !

छत ने कहा : ऊँचे उद्देश्य रखो !

पंखे ने कहा : ठन्डे रहो !

घडी ने कहा : हर मिनट कीमती है !

शीशे ने कहा : कुछ करने से पहले अपने अंदर झांक
लो !

खिड़की ने कहा : दुनिया को देखो !

कैलेंडर ने कहा : Up-to-date रहो !

दरवाजे ने कहा : अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के
लिए पूरा जोर लगाओ !

लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं------
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं

जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं

खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं

और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..

एक रूपया एक लाख नहीं होता ,

मगर फिर भी एक रूपया एक लाख से निकल जाये तो वो लाख भी लाख नहीं रहता

हम आपके लाखों दोस्तों में बस वही एक रूपया हैं …

संभाल के रखनT , बाकी सब मोह माया है

मंजिल मिले ना मिले

मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है...
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!

मंगलवार, 30 जून 2015

किसी बला का था साया दरख्त पर

शायद किसी बला का था साया दरख्त पर ,
चिड़ियों ने रात शोर मचाया दरख्त पर ,
देखा न जाए धूप में जलता हूआ कोई ,
मेरा जो वश चले , करूं साया दरख्त पर ,
सब छोड़े जा रहे थे सफ़र की निशानियां ,
मैंने भी एक नक्श बनाया दरख्त पर ,
अब के बहार आई है शायद ग़लत जगह ,
जो ज़ख्म दिल पे आना था , आया दरख्त पर...

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी, दिल की गहराई में हमारी तस्वीर बस जाएगी, ढूंढने चले हो हमसे बेहतर तो, याद रखना तलाश हम से शुरू होकर, हम पे ही खत्म हो जाएगी…

सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे, देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे, पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा ईस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे…

सोमवार, 29 जून 2015

सूरज के बिना सुबह नही होती

सूरज के बिना सुबह नही होती,
चाँद के बिना रात नही होती,
बादल के बिना बरसात नही होती,
आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नही होती…

छोड दिया हमारा साथ तो कोई गम नहीँ

छोड दिया हमारा साथ तो कोई गम नहीँ।
भुल जायेँगे आप हमे, भुलने वाले हम नहीँ।
मुलाकत हो ना पाई तो कोई बात नही।
आपकी एक याद मुलाकत से कम नही।

दुनिया आपको आपके दिखावे से जानती है

"नीयत" कितनी भी अच्छी हो,  दुनिया आपको आपके दिखावे से जानती है,
और "दिखावा कितना भी अच्छा हो
"उपरवाला" आपको नीयत से जानता है......

क्योंकि हम ऐसी दुनियां में रहते है, जहाँ
नकली निम्बू पानी
(Limca, Sprite)
से आपका  स्वागत होता है,
और असली निम्बू पानी
(Finger bowl)
हात धोने के लिए दिया जाता है।

इस कदर बट गए है ज़माने में सभी..

इस कदर बट गए है ज़माने में सभी..

अगर खुदा भी आकर कहे.. 'मै भगवान हूँ'...

तो लोग पूछ लेंगे...
'किसके'?
कोई साथ दे ना दे, तू चलना सीख ले;
हर आग से हो जा वाकिफ तू जलना सीख ले;
कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;
हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले।
एक साल में 25 मित्र बनाना आम बात है।

25 साल तक एक ही मित्र से मित्रता निभाना खास बात है।

रविवार, 28 जून 2015

मैं ग़लत था मेरे दोस्तों ने कहा

मैं ग़लत था मेरे दोस्तों ने कहा,
मैं सही था मेरे दुश्मनों ने कहा.

रेत कहती रही इक समंदर हूँ मैं,
एक सहरा हूँ मैं बारिशों ने कहा.

सारी दुनिया को अपनी समझता रहा ,मगर मुझको अपना जंगलों ने कहा..

रूह से कितना मिलना ज़रूरी है ये,
जिस्म के बीच की दूरियों ने कहा .

मेरी खामोशियाँ कुछ भी कह न सकीं,
उम्र कैसे कटी मकबरों ने कहा..

मेरी दीवानगी मेरी आवारगी,
एक किस्सा था जो बादलों ने कहा..

इश्क़ मेरा इबादत कहा जाएगा,
मंदिरों ने कहा मस्जिदों ने कहा..

दिलको जब मैंने ग़ज़लें सुनाई तेरी,
माशअल्लाह मेरी धडकनों ने कहा..

दिल से लिखी बाते


       
            दिल से लिखी बातें
            दिल को छू जाती हैं
            ये अक्सर अनोखी
            बात कह जाती हैं
            कुछ लोग मिलकर
                बदल जाते हैं
                     और
          कुछ लोगों से मिलकर
          जिन्दगी बदल जाती है.
       

गुरुवार, 25 जून 2015

नफरत को हम प्यार देते है .....

"इबादत के जरिए दिल को साफ रखना,
जिस्म और रूह को गुनाहो से पाक रखना,

मेरी एक छोटी सी इल्तिजा है आपसे,
हद से ज्यादा गुनहगार हूं दुआ में याद रखना"..!!

नफरत को हम प्यार देते है .....
प्यार पे खुशियाँ वार देते है ...
बहुत सोच समझकर हमसे कोई वादा करना..
" ऐ दोस्त " हम वादे पर जिदंगी गुजार देते है

फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है...!!!

कुछ 'गुमशुदा'

फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बढ़ा दिए...
वरना, सब यार एक साथ थे,
चले थे दोस्तों का पूरा काफिला ले कर...
पर आधे 'जुदा' हो गए और आधे 'खफ़ा हो गए...
कुछ 'गुमशुदा' तो कुछ 'शादीशुदा' हो गए !.....

कमी क्या है इन होठों में

छीन कर हाथो से सिगरेटवो कुछ इस अंदाज़ से
बोली
,
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कमी क्या है इन होठों में जो तुम सिगरेट
पीते हो...

सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है

सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है


इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है

बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है

नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है

य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है

शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद  से
लोगो को हैरान अभी बाकी है

मौसम की तरह वो बदल गए

बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की

मौसम की तरह वो बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया!!

मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना

मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽हर  बात  समझाने  के  लिए  नहीं  होती,
ज़िन्दगी  हमेशा  पाने  के  लिए  नहीं  होती ,
याद  अक्सर  आती  है  आपकी ,
पर  हर  याद  जताने  के  लिए  नहीं  होती...............
㊗मन की कुछ दिलो में नफरत होती है,
पर हर दिल में कोई हसरत होती है,
इंसान उस के आगे क्यों मजबूर हो जाता है,
जिस से उसे बेपनाह महोब्बत होती है............
इस कदर हर तरफ तन्हाई है,
उजालो मे अंधेरों की परछाई है,
क्या हुआ जो गिर गये पलकों से आँसू,
शायद याद उनकी चुपके से चली आई है..........
लोग आते हैं लोग जाते हैं
प्यार देते है प्यार ले जाते हैं
कभी अकेले बैठकर सोचना,
जो सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं
वोही सबसे ज़्यादा दर्द दे जाते हैं.............
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना............
⚽मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले मे उसने मुझे खामोशी दे दी.
खुदा से दुआ माँगी मरने की,
लेकिन उसने भी तड़पने के लिए ज़िंदगी दे दी...........
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको............
हमारी खामोशी हमारी आहट है,
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं,
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है,
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है..........
वक़्त तो हूमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,...........
पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रेह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं...........
ऑंसुओ के गिरने की आहट नही होती.
दिलके टूटने की आवाज नही होती.
अगर होता खुदा को एहसास दर्द का.
तो ऊसे दर्द देने की आदत नही होती.....

यही तो प्यार है..

कोई साथ दे या ना दे ,
चलना मुझे आता है ,
हर आग से वाकिफ हूँ ,
जलना मुझे आता है …!!

'मैने कहाः- वो अजनबी है..
दिल ने कहाः- वो दिल्लगी है..
मैने कहाः- वो सपना है..
दिल ने कहाः- फिर भी वो अपना है..
मैने कहाः- वो सिर्फ ईंतजार है..
दिल ने कहाः- यही तो प्यार है..'

"वक्त के पन्ने पलटकर,
फ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है,
कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकर,
अब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है."

मंगलवार, 23 जून 2015

सपनो को पंख लगे है

सपनो को पंख लगे है , उड़ान अभी बाकी है,
राह से रोड़े हटे है चट्टान अभी बाकी है


इक लहर को पार कर य़ू बैठ न आराम से
समंदर में आना, उफान अभी बाकी है

बैठ न य़ू हार के इस जंग-ए-मैदान में
तीर न तो न सही, कमान अभी बाकी है

नाउम्मीद ना हो देख इन मुर्दों को शहर में
थोड़े है, कम है, प़र इंसान अभी बाकी है

य़ू मायूस ना हो इन नए लोगो के शौक देख
पुरानी कलाओं के कद्रदान अभी बाकी है

शक होगा कुछ एक को कुछ सोच में भी होंगे ज़रूर
होना उम्मीद  से
लोगो को हैरान अभी बाकी है