कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

लाख टके की बात

  लाख टके की बात 

"दरवाज़े बड़े करवा लिए हैं अब हमने भी अपने आशियानेके...

क्योंकि कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाकर..!!".  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें