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सोमवार, 4 जून 2018

कामयाबी

कामयाबी

उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया
तो वो दौड़ते गए,
हमें सुकून में कामयाबी दिखी
तो हम ठहर गए...!

ख़्वाईशो के बोझ में बशर
तू क्या क्या कर रहा है..
इतना तो जीना भी नहीं
जितना तू मर रहा है.
..



सोमवार, 3 अगस्त 2015

ज़िन्दगी यादों की किताब बन जाती है. ...

ज़िन्दगी यादों की किताब बन जाती है. ...


धीरे धीरे उम्र कट
जाती है. ...
ज़िन्दगी यादों की किताब बन
जाती है. ...
कभी किसी की याद बहुत
तड़पाती है. ..
और कभी यादों के सहरे ज़िन्दगी कट
जाती है....
किनारो पे सागर के खजाने
नहीं आते,
फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते....

जी लो इन पलों को हस के जनाब..
फिर लौट के
दोस्ती के जमाने नहीं आते....

बुधवार, 29 जुलाई 2015

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो


आँखे' कितनी  अजीब  होती  है, 
जब  उठती  है  तो  दुआ  बन  जाती  है,
जब  झुकती  है  तो  हया  बन  जाती  है,
उठ  के  झुकती  है  तो अदा  बन  जाती  है
झुक  के उठती  है  तो खता  बन  जाती है,
जब  खुलती  है  तो दुनिया  इसे  रुलाती  है,
जब  बंद  होती  है  तो  दुनिया  को  ये  रुलाती है...!!

"हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो.

शनिवार, 18 जुलाई 2015

खवाहिश  नही  मुझे  मशहुर  होने  की

एक सुंदर कविता - खवाहिश  नही  मुझे  मशहुर  होने  की


खवाहिश  नही  मुझे  मशहुर  होने  की।
आप  मुझे  पहचानते  हो  बस  इतना  ही  काफी  है।


अच्छे  ने  अच्छा  और  बुरे  ने  बुरा  जाना  मुझे।
क्यों  की  जीसकी  जीतनी  जरुरत  थी  उसने  उतना  ही  पहचाना  मुझे।


ज़िन्दगी  का  फ़लसफ़ा  भी   कितना  अजीब  है,
शामें  कटती  नहीं,  और  साल  गुज़रते  चले  जा  रहे  हैं....!!


एक  अजीब  सी  दौड़  है  ये  ज़िन्दगी,
जीत  जाओ  तो  कई  अपने  पीछे  छूट  जाते  हैं,
और  हार  जाओ  तो  अपने  ही  पीछे  छोड़  जाते  हैं।

रविवार, 12 जुलाई 2015

नाम छोटा है मगर दिल बडा रखता हूँ

नाम छोटा है मगर दिल बडा रखता हूँ


नाम छोटा है मगर दिल बडा रखता हूँ|
पैसो से उतना अमीर नही हूँ, 

मगर अपने यारो के गम खरिदने की हैसयत रखता हूँ|
मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है 

ना रानी का बादशाह, हम जोकर ही अच्छे हैं, 

जिस के नसीब में आऐंगे बाज़ी पलट देंगे।
किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तो, 

दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं...!!

मैं भूला नहीं हूँ किसी को...
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में.........


बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है.....
2 वक़्त की रोटी कमाने में....

शनिवार, 11 जुलाई 2015

शब्द जब काटते है

शब्द जब काटते है  

शब्दों के दांत नहीं होते है
      लेकिन शब्द जब काटते है  
        तो दर्द बहुत होता है
और   
कभी कभी घाव इतने गहरे हो जाते है की
              जीवन समाप्त  हो जाता है
                परन्तु घाव नहीं भरते.............

इसलिए जीवन में जब भी बोलो मीठा बोलो मधुर बोलों

'शब्द' 'शब्द' सब कोई कहे,
'शब्द' के हाथ न पांव;

एक 'शब्द' 'औषधि" करे,
और एक 'शब्द' करे 'सौ' 'घाव"...!

"जो 'भाग्य' में है वह भाग कर आएगा..,
जो नहीं है वह आकर भी भाग 'जाएगा"..!

प्रभू' को भी पसंद नहीं
'सख्ती' 'बयान' में,
इसी लिए 'हड्डी' नहीं दी, 'जबान' में...!
जब भी अपनी शख्शियत पर अहंकार हो,

एक फेरा शमशान का जरुर लगा लेना।

और....

जब भी अपने परमात्मा से प्यार हो,
किसी भूखे को अपने हाथों से खिला देना।

जब भी अपनी ताक़त पर गुरुर हो,
एक फेरा वृद्धा आश्रम का लगा लेना।

और….

जब भी आपका सिर श्रद्धा से झुका हो,
अपने माँ बाप के पैर जरूर दबा देना।

जीभ जन्म से होती है और मृत्यु तक रहती है क्योकि वो कोमल होती है.

दाँत जन्म के बाद में आते है और मृत्यु से पहले चले जाते हैं...  
  क्योकि वो कठोर होते है।

छोटा बनके रहोगे तो मिलेगी हर
बड़ी रहमत...
बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार
देती है..
किस्मत और पत्नी
भले ही परेशान करती है लेकिन
जब साथ देती हैं तो
ज़िन्दगी बदल देती हैं.।।

"प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा।

विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी।

साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।

किसने कहा रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।
मुफ्त तो हवा भी नहीं मिलती ।

एक साँस भी तब आती है,
जब एक साँस छोड़ी जाती है!!"

शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

मंजिल ना मिले

मंजिल ना मिले 

मंजिल ना मिले वंहा तक

 हिम्मत मत हारो और ना ही ठहरो...


क्यों की पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने 

आज तक रास्ते में किसीको नहीं पूछा के


भाई समन्दर कितना दूर है?

आगे सफर था और पीछे हमसफर था..

आगे सफर था और पीछे हमसफर था


आगे सफर था और पीछे हमसफर था..

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..

ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....

यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.