खफ़ा हुए
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!
शायरी कविताएँ - गम यादें : sweet sad fun dard poem sms for friends girlfriend wife for every occassion -morning evening and night
खफ़ा हुए
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!
नीम्बू की अभिलाषा
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चाह नहीं मैं लेमोनेड के
बोतल में बेचा जाऊँ,
चाह नहीं, दाल-मोंठ में
मिल शराबी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सलाद के ऊपर
जहां तहां छिड़का जाऊँ,
चाह नहीं, घर के किवाड़ पर
लटक भाग्य पर इठलाऊं
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस रन वे पर देना तुम फेंक,
मातृभूमि की रक्षा करने
जिस पर उड़ते राफेल अनेक ।।
(श्री माखनलाल चतुर्वेदी जी से सादर क्षमा याचना करते हुए...)
कैसा हो घर का वास्तु : स्वर्गीय अटल जी की ज़ुबानी
कैसा हो घर का वास्तु ?
स्वर्गीय अटल जी की ज़ुबानी -
घर चाहे 'कैसा' भी हो.........
उसके एक कोने में...........
खुलकर हंसने की जगह रखना..
सूरज कितना भी दूर हो...........
उसको घर आने का रास्ता देना..
कभी कभी छत पर चढ़कर..
तारे अवश्य गिनना......
हो सके तो हाथ बढ़ा कर.....
चाँद को छूने की कोशिश करना....
अगर हो लोगों से मिलना जुलना.....
तो घर के पास पड़ोस ज़रूर रखना..
भीगने देना बारिश में...........
उछल कूद भी करने देना......
हो सके तो बच्चों को.......
एक कागज़ की किश्ती चलाने देना..
कभी हो फुरसत,आसमान भी साफ हो....
तो एक पतंग आसमान में चढ़ाना...........
हो सके तो एक छोटा सा पेंच भी लड़ाना..
घर के सामने रखना एक पेड़....
उस पर बैठे पक्षियों की..........
बातें अवश्य सुनना...............
घर चाहे 'कैसा' भी हो........
घर के एक कोने में............
खुलकर हँसने की जगह रखना...
चाहे जिधर से गुज़रिये...........
मीठी सी हलचल मचा दीजिये..
उम्र का *"हर एक दौर"* मज़ेदार है...
अपनी *"उम्र"* का मज़ा लीजिये.......
ज़िंदा दिल रहिए जनाब........
ये चेहरे पे उदासी कैसी............
वक्त तो बीत ही रहा है..............
*उम्र की एेसी की तैसी...........!¡!
--- Atal Bihari Vajpayee
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती....
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
ख़्वाईशो के बोझ में बशर
तू क्या क्या कर रहा है..
इतना तो जीना भी नहीं
जितना तू मर रहा है...
ग़ालिब ग़रीबी से तंग आकर
डाकू बन गए और डकैती करने एक बैंक गए ,
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बैंक में घुसते ही हवाई फ़ायर करते हुए " अर्ज़ किया -
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"तक़दीर में जो है वही मिलेगा,
हैंड्स-अप कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...!!
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ग़ालिब ने फिर ऊँची आवाज़ में अर्ज़ किया
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"बहुत कोशिश करता हूँ उसकी यादों को भुलाने की,
ध्यान रहे कोई कोशिश न करना पुलिस बुलाने की..."
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फिर कैशियर की कनपटी पे बंदूक रखते हुए कहा-
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"ए ख़ुदा तू कुछ ख़्वाब मेरी आँखों से निकाल दे,
जो कुछ भी है, जल्दी से इस बैग में डाल दे..."
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कैश लेने के बाद ग़ालिब ने लाॅकर की तरफ़ इशारा करके कैशियर से कहा -
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"जज़्बातों को ना समझने वाला इश्क़ क्या सम्हालेगा
लाॅकर का पैसा क्या तेरा अब्बू बाहर निकालेगा .."
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जाते जाते एक और हवाई फ़ायर करते हुए अर्ज़ किया -
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"भुला दे मुझको क्या जाता है तेरा,
मार दूँगा गोली जो किसी ने पीछा किया मेरा..."
मैं तो चिराग हुँ
तेरे आशियाने का,
कभी ना कभी
तो बुझ जाऊंगा,
आज शिकायत है
तुझे मेरे उजाले से,
कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा..
ख़ुदा की मोहब्बत को फ़ना कौन करेगा?
خُدا کی مہبت کو فنا کون کریگا؟
सभी बन्दे नेक हों तो गुनाह कौन करेगा?
سبھی بندے نئک ہوں تو گناہ کون کریگا؟
ऐ ख़ुदा मेरे दोस्तों को सलामत रखना
اے خُدا میرے دوستوں کو سلامت رکھنا
वरना मेरी सलामती की दुआ कौन करेगा
ورنہ میری سلامتی کی دُعا کون کریگا
और रखना मेरे दुश्मनों को भी महफूज़
اور رکھنا میرے دُشمنوں کو بہی مہفوذ
वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा...!!!
ورنہ میری تیرے پاس آنے کی دُعا کون
کریگا۔۔۔۔!!!