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रविवार, 21 जून 2015

सुबह की धूप

हर सुबह की धूप कुछ याद करती है,
हर फूल की खुशबू एक जादू जगाती है,
जिन्दगी कितनी भी खुबसूरत क्यों ना हो, लेकिन सुबह सुबह अपनों की याद ही आती है.

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