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शनिवार, 20 जून 2015

Hamari adhoori kahani..

बेहतरीन कविता
तू जिंदगी को जी, उसे समझने की कोशिश
न कर
सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन,उसमे उलझने
की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमे सिमटने
की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले,
अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे,
खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे, सब कुछ खुद
सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून
छीन ले वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंजिल
पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर....

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