कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 19 जून 2015

गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!

बेरंग हैं पानी फिर भी.. जिन्दगी कहलाता हैं,
ढेर सारे रंग हैं शराब के.. फिर भी गन्दगी कहलाती हैं,
लोग भी कमाल करते हैं.. जिन्दगी के गम भुलाने के लिये,
गन्दगी में.. जिन्दगी मिलाकर पीते हैं..!!....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें