जिंदगी से हर पल एक मोज मिली,
कभी कभी नहीं हर रोज मिली.
बस एक अच्छा दोस्त मांगता था जिन्दगी से...
पर मुझे तो पूरी विद्वानों की फौज मिली।. (खुदा की मोहब्बत को फना
कौन करेगा?
सभी बंदे नेक तो गुनाह
कौन करेगा?
"ए खुदा मेरे इन दोस्तो को
सलामत रखना...वरना मेरी
सलामती की दुआ कौन करेगा ?
और रखना मेरे दुश्मनो को
भी मेहफूस ...
वरना मेरी तेरे पास आने की
दुआ कौन करेगा ?"
खुदा ने मुझसे कहा
"इतने दोस्त ना बना तू ,
धोखा खा जायेगा"
मैने कहा "ए खुदा , तू ये
मेसेज पढनेवालो से मिल तो सही ,
तू भी धोखे से दोस्त बन
जायेगा ."
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