मै जिसे देख कर चौंकता था
वो कुत्ता मुझ पर ही भौंकता था
रोज रोज मुझे काटने दौडता था
मै भी डण्डा ले कर दौडता था
एक दिन वह मेरे पांव चूमने लगा
मेरे चारो तरफ घूमने लगा
अपार स्नेह मुझ पर बांटने लगा
धीरे से वह मेरे पांव चाटने लगा
मैने कहा तू मेरे पीछे दौडता था
रोज रोज तू मुझ पे भौंकता था
आज तु मेरी पेंट भी नही पकड रहा
सच सच बता तू कही चुनाव तो नही लड रहा.....वो बोला हाजी सर
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