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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

सर्दी की धूप

प्रिय दिसंबर,
तुम कृपा वापिस आ जाओ, तुम तो सिर्फ नहाने नहीं देते थे। जनवरी
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तो हाथ भी धोने नहीं दे रहा।...

आजकल तो धूप भी मोहल्ले की सबसे खूबसूरत लड़की  जैसी हो गई है .....

दिखती कम है .
और जब दिखती है तो सारा मोहल्ला बाहर निकल आता है
❤️

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