कुल पेज दृश्य

शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

आसमां

मैं आसमां पे बहुत देर रह नहीं सकता
मगर यह बात ज़मीं से तो कह नहीं सकता
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता.................।
इतनी सीमेंट है
इस शहर की हवा में,
कि
कब दिल पत्थर का हो जाता है, पता ही नहीं चलता...!!!.......              सुना है आजकल तेरी मुस्कराहट गायब हो गई है.
तेरी इजाजत हो तो फिर से तेरे करीब आऊँ.............।
जाओ जा कर ढून्ढो हम से ज्यादा चाहने वाला मिल जाये तो .
खुश रहना न मिले तो फिर भी तेरे हैं हम................।
पूछा किसी ने तुम उनको याद क्यों करते हो जो तुम्हे याद नहीं करते तड़प कर दिल बोला.रिश्ते निभाने वाले हिसाब किताब नहीं करते...............।
इश्क से मिली जो तनहाइयां हमे.
केसे उनका दर्द बयान करेगे.
एक से ही मोहब्बत इतनी करली हमने.
अब किसी और से मोहब्बत क्या करेगे...............।
हमारे मनाने की अदा इतनी हसीं होगी की,
  तुम उम्र भर रूठे रहने को कोशिश करोगी...............।
दर्द को नगमे में पिरो जब सहलाने लगते हैं,
  लोग वाह वाह कर हौसला बढाने लगते हैं.............।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें