अक्ल बङी या भैंस (हास्य-व्यंग)
महामूर्ख दरबार में,
लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, ...
अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस,
दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की
अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी-
भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा
पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे
चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब चरने जाये
हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा
लालू खायो
निज घरवारि
सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ
बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी अकल मन्दमति होई
मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये
भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे
एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे
कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती
भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये
ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी
भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने
भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये
सो इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी
भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते
अकल मरे तो पड़ते जूते।
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