आखों मे आसू
आप के कर्मो से
मिलते हैं...
प्रभु से शिकायत
करना अपनी
मुर्खता हैं..!
पाप करते वक्त
पीठ थपथपाने वाले
बहुत मिलेंगे..,पर उसके परिणाम
अकेले को ही
भुगतने पडेंगे...!
बोलने से पहले
लफ्ज इंसान के
गुलाम होते है...
लेकिन बोलने के
बाद इंसान लफ्ज
का गुलाम बन जाता
है....!
जिंदगी में पीछे देखोगे
तो अनुभव मिलेगा...
जिंदगी में आगे देखोगे
तो आशा मिलेगी...
दांए–बांए देखोगे तो
सत्य मिलेगा...
लेकिन अगर भीतर
देखोगे तो ”परमात्मा”
मिलेगा...!
आत्मविश्वास मिलेगा..
पके हुए फल की तीन
पहचान होती है...
एक तो वह नर्म हो
जाता है दूसरे वह
मीठा हो जाता है
तीसरे उसका
रंग बदल जाता है...
जिसमें ये लक्षण ना
हों वह कभी पका
हुआ नहीं हो सकता है...!
इसी तरह से परिपक्व
व्यक्ति की भी तीन
पहचान होती है...
पहली उसमें नम्रता
होती है..
दूसरे उसकी वाणी मे
मिठास होता है..
और तीसरे उसके
चेहरे पर आत्मविश्वास
का रंग होता है...!
हम चाहे कितने भी
वाहनों से सफ़र करे...
लेकीन घर के अंदर
अपने पैरों से न आएँ
तो मरीज़ कहलाते है...!
इसी तरह से साधन
चाहे कोई भी हो...
हमारी साधना से ही हम
भीतर में जाते है...!
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