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सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

अक्स

जो ओरॊ के चेहरे पर मुस्कराहट देखना चाहते है
ऊपर वाला उनकी मुस्कराहट कभी नहीं छीनता..!!

बस इन्सान ही है जो किसी से मिलता जुलता नहीं,
वरना ज़माना तो भरपूर मिलावट का चल रहा है. .!!

किसी को जन्नत की खवाहिश है तो कोई अपने ग़म से परेशां,
ज़रूरतें सजदा करवाती हैं वरना आजकल इबादत कौन करता है..!!

"जली हुई राेटीयों पर बहुत शोर मचाया था ऐ दोस्त तुमने!
अगर माँ की जली हुई उंगलियां देख लेते तो भूख ही मिटा जाती!! "

पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र..
आज हरे.. .. कल सूखे

क्यों ना हम जड़ों से सीखें..
...रिश्तेदारी निभाना ।।

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