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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

मै जिसे देख कर चौंकता था

मै जिसे देख कर चौंकता था
वो कुत्ता मुझ पर ही भौंकता था

रोज रोज मुझे काटने दौडता था
मै भी डण्डा ले कर दौडता था

एक दिन वह मेरे पांव चूमने लगा
मेरे चारो तरफ घूमने लगा

अपार स्नेह मुझ पर बांटने लगा
धीरे से वह मेरे पांव चाटने लगा

मैने कहा तू मेरे पीछे दौडता था
रोज रोज तू मुझ पे भौंकता था

आज तु मेरी पेंट भी नही पकड रहा
सच सच बता तू कही चुनाव तो नही लड रहा.....वो बोला हाजी सर

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