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शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

स्वस्थ रहो व्यस्थ रहो मस्त रहो


  कसोटी में गंगा रखो

शरीर को चंगा रखो

दिमाग़ को ठंडा रखो

जेब को गरम रखो

आखो में शरम रखो

जुबान को नरम रखो

दिल में रहम रखो

क्रोध पर लगाम रखो

व्यव्हार को साफ़ रखो

होटो पर मुस्कुराहट रखो

फिर स्वर्ग मे जाने की क्या जरूरत

स्वस्थ रहो व्यस्थ रहो मस्त रहो
 

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