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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

तलाश कर मेरी कमी....

तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल मे......
एक बार दर्द हो तो समझ लेना के मुहब्बत अभी बाकी है।।।

कभी संभले तो कभी बिखरते नज़र आये हम,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर ख़ुद में सिमटते आये हम...

यू तो ज़माना कभी ख़रीद ही नहीं सकता मुझे,
मगर प्यार के दो लफजो से सदा बिकते आये हम !!!

वो नाराज़ हैं हमसे कि हम कुछ लिखते नहीं;
कहाँ से लायें लफ्ज़ जब हम को मिलते ही नहीं;
दर्द की जुबान होती तो बता देते शायद;
वो ज़ख्म कैसे दिखायें जो दिखते ही नहीं।

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