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मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

अलबेली सुबह

उषा-मंजूषा से किरणों का कारवां,
निकसित यह है, निमित्त उजाला!!

प्रभा रानी की अलका लहरी!
ओंस कण वृष्टी चहूंओर फहरी!!

ओज की खोज का अभिनव अरसा!
हर्षित हर कोई, कतरा भी हरसा!!

सौन्दर्यवर्धिनी,सुखदायिनी,सहजसलीला सुबह की बधाई.
         (सु प्रभात)

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