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गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

तू जिंदगी को जी उसे समझने की कोशिश न कर

तू जिंदगी को जी
उसे समझने की
कोशिश न कर

सुन्दर सपनो के
ताने बाने बुन
उसमे उलझने की
कोशिश न कर

चलते वक़्त के साथ
तू भी चल
उसमे सिमटने की
कोशिश न कर

अपने हाथो को फैला,
खुल कर साँस ले
अंदर ही अंदर घुटने की
कोशिश न कर

मन में चल रहे
युद्ध को विराम दे
खामख्वाह खुद से
लड़ने की कोशिश न कर

कुछ बातें
भगवान् पर छोड़ दे
सब कुछ खुद सुलझाने की
कोशिश न कर

जो मिल गया
उसी में खुश रह
जो सकून छीन ले
वो पाने की कोशिश न कर

रास्ते की सुंदरता का
लुत्फ़ उठा
मंजिल पर जल्दी
पहुचने की कोशिश न कर।

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