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शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

नहीं भूलती दो चीज़ें

फजूल ही पत्थर रगङ कर आदमी ने
चिंगारी की खोज की,
अब तो आदमी आदमी से जलता है..!
मैने बहुत से ईन्सान देखे हैं,
जिनके बदन पर लिबास नही होता।
और बहुत से लिबास देखे हैं,
जिनके अंदर ईन्सान नही होता ।
कोई हालात नहीं समझता ,
कोई जज़्बात नहीं समझता ,
ये तो बस अपनी अपनी समझ की बात है...,
कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है,
तो कोई पूरी किताब नहीं समझता!!
"चंद फासला जरूर रखि‍ए हर रि‍श्‍ते के दरमियान !
     क्योंकि"नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे
जितना भुलाओ....!
         .....एक "घाव"और दूसरा "लगाव"

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