कुल पेज दृश्य

बुधवार, 15 अप्रैल 2015

फ़ुर्सत

फ़ुर्सत नही घर से मंदिर तक इंसान को आने की,
और
ख़्वाहिशें शमशान से सीधा स्वर्ग तक जाने की रखते हैं !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें